/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\!! श्री गणेशाय नमः !!/\/\/\/\/\!! ૐ श्री श्याम देवाय नमः !!\/\/\/\/\!! श्री हनुमते नमः !!/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\

Sunday 5 December 2010

!! कितनो बड़ो म्हारो भाग ह बाबा, कि थां सो कुलदेव मिल्यो... !!



ओ म्हारा धणी! आज तो म्हाने थारी भोत ही ओल्युं आ रही ह... कितनो धन्य धन्य भाग्य यो म्हारो ह... जो थां सो दानी, पराक्रमी, करुणा रा भण्डार, हारे रा सहारा, श्रीश्यामसुन्दर रा परमप्रिय देव म्हाने कुलदेवता रा रूप म मिल्या ह... थारी श्री चरणा री प्रीत रो यो याचक थारे द्वार पर खड्यो थांसू विनती करे ह, कि आज तो आकर एक बार म्हाने हिवडे सुं तो लगाओ...


ओ म्हारा धणी! थारो ही तो म्हारो इष्ट ह, और थे ही तो म्हारा प्राण प्यारा हो... थारे प्रीत रा बिना म्हे कईया जीवस्यां... इसलिए ओ धणी! थारा इ टाबर न भूल बिसर मत जाज्यो...म्हे तो थारे स केवल एक ही वर माँगा ह कि, म्हे नित-निरंतर थारा श्री चरणा रा दास बनया रहवा और थारो करूणा रो हाथ सदैव म्हारे सिर पर रहवे...


कितनो बड़ो म्हारो भाग ह बाबा, कि थां सो कुलदेव मिल्यो...
म्हाने हिवड़े सुं लगाईज्यो, बाबा श्याम जी...
ओ स न राजी राखिज्यो, बाबा श्याम जी...


साँवरा मोटाधणी, सारा जग म थारो नाम ह...
बड़ा-बड़ा थे काज सारो, छोटो सो म्हारो काम ह...
अरजी करनी फ़रज ह म्हारो, जोर कुछ चले नहीं...
थारी मरजी के बिना, एक पत्तो भी हाले नहीं...


नित उठ थारो, ध्यान धरा म्हे, घणी करां मनुहार...
ओ थे पलक उठावो जी, म्हारा श्याम जी...
ओ स न राजी राखिज्यो, बाबा श्याम जी...


कितनो बड़ो म्हारो भाग ह बाबा, कि थां  सो कुलदेव मिल्यो...
म्हाने हिवड़े सुं लगाईज्यो, म्हारा श्याम जी...
ओ स न राजी राखिज्यो, बाबा श्याम जी...


थारो ही तो म्हारो इष्ट ह, और थां म ही म्हारा प्राण ह...
थे ही अगर रूठ गया तो, फिर जीनो को काइ काम ह...
भूल सारी माफ़ करदयों, चरणा सुं लो लगाओ...
ठोकरे खाई बहुत अब, आके सही रास्तो बताओ...


थारे बिना कईया जीवस्यां बाबा, थे भी न बिसराओ...
ओल्युं थारी आवे जी, म्हारा श्याम जी...
ओ स न राजी राखिज्यो, बाबा श्याम जी...


कितनो बड़ो म्हारो भाग ह बाबा, कि थां सो कुलदेव मिल्यो...
म्हाने हिवड़े सुं लगाईज्यो, बाबा श्याम जी...
ओ स न राजी राखिज्यो, बाबा श्याम जी...


थे ही म्हारी ज़िन्दगी हों, और थां पे ही दाराम्दार ह...
थोड़ो थोड़ो म्हारा नेड़ा आओ, जी स म्हारो बड़ो पार ह...
"चंदा" थाने के कहवे, कि थे ही जगत का नाथ हो...
हर साल ही खाटू आऊं मैं, और परिवार मेरे साथ हो...


'भगवानो' थारो दास रहवे, बी क सिर पर थारो हाथ...
यो ही वर माँगा जी, म्हारा श्याम जी...
ओ स न राजी राखिज्यो, बाबा श्याम जी...


कितनो बड़ो म्हारो भाग ह बाबा, कि थां सो कुलदेव मिल्यो...
म्हाने हिवड़े सुं लगाईज्यो, बाबा श्याम जी...
ओ स न राजी राखिज्यो, बाबा श्याम जी...




!! जय जय हो श्री खाटू नरेश की !!
!! जय जय हो शीश के दानी की !!
!! जय जय हो मोरवीनन्दन श्री श्याम बिहारी की !!


भाव के रचियता : "श्री भगवान जी"

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थे भी एक बार श्याम बाबा जी रो जयकारो प्रेम सुं लगाओ...

!! श्यामधणी सरकार की जय !!
!! शीश के दानी की जय !!
!! खाटू नरेश की जय !!
!! लखदातार की जय !!
!! हारे के सहारे की जय !!
!! लीले के असवार की जय !!
!! श्री मोरवीनंदन श्यामजी की जय !!

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