श्री मोरवीनंदन खाटू वाला श्यामधणी रो यो अनुपम ध्वल श्रृंगार जिसके आगे म्हाने चन्द्रमा रो सौन्दर्य फीको लागे ह, न निरख निरख, बारम्बार म्हारा श्याम बाबा जी री नज़र उतारण की मन में आवे ह, परन्तु नज़र उतारण को कोई तरीको समझ म नहीं आवे ह... क्योकि कालो टीको लगावाण सुं, आं को रूप और भी सोहणो और श्रृंगार और भी अनुपम हो जावे ह, इनका नयना सु, यु अमृत की धार बरसे ह, कि नज़र उतारण ताई लायेड़ा नुण-राई रो नुण भी शहद सु मीठो हो जावे ह, आं की मोरछड़ी रो झाड़ो तो सारी दुनिया लगाया करे ह, परन्तु आं की नज़र उतारण ताई की रो झाड़ो लगावा या भी समझ नहीं आवे है... परन्तु म्हाने तो अब एक ही तरीको समझ म आवे ह, वो यो ह की, सगला मिल जुल कर आं की दोनु हाथा स बलैया लेर लेर नज़र उतारां...
बाबा कईया मैं, लगाऊ तेरे कालो टीको रे...
ओ हो श्याम कईया मैं, लगाऊ तेरे कालो टीको रे...
काले टीके म तू और भी, सोहणो दिखे रे,
ओ हो बाबा कईया मैं लगाऊ तेरे कालो टीको रे...
ओ हो श्याम कईया मैं, लगाऊ तेरे कालो टीको रे...
काले टीके म तू और भी, सोहणो दिखे रे,
ओ हो बाबा कईया मैं लगाऊ तेरे कालो टीको रे...
सज धज कर तू बैठ्यो बाबा, कितनो सोहणो लागे रे...
ओ हो सज धज कर तू बैठ्यो बाबा, कितनो सोहणो लागे रे...
चंदो भी तेरे आगे तो, पड़ गयो फीको रे...
ओ हो बाबा कईया मैं, लगाऊ तेरे कालो टीको रे...
कईया नजर उतारू तेरी, आँख्यां स अमृत बरसे...
ओ हो कईया नजर उतारू तेरी, आँख्यां स अमृत बरसे...
नुण राई को नुण जी बाबा, हो गयो मीठो रे...
ओ हो बाबा कईया मैं, लगाऊ तेरे कालो टीको रे...
दुनिया अपनी नज़र उतारे, बाबा तेरे झाड़े स...
ओ हो दुनिया अपनी नज़र उतारे, बाबा तेरे झाड़े स...
तेरी नज़र उतारण झाड़ो, देवा की को रे...
ओ हो बाबा कईया मैं, लगाऊ तेरे कालो टीको रे...
आओ भगतां आपां सब मिल, लेवां बलैया बाबा की...
ओ हो आओ भगतां आपां सब मिल, लेवां बलैया बाबा की...
नज़र उतारण को बस यो ही दिखे रस्तो रे...
ओ हो बाबा कईया मैं, लगाऊ तेरे कालो टीको रे...
बाबा कईया मैं, लगाऊ तेरे कालो टीको रे...
ओ हो श्याम कईया मैं, लगाऊ तेरे कालो टीको रे...
काले टीके म तू और भी, सोहणो दिखे रे...
ओ हो बाबा कईया मैं लगाऊ तेरे कालो टीको रे...
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थे भी एक बार श्याम बाबा जी रो जयकारो प्रेम सुं लगाओ...
!! श्यामधणी सरकार की जय !!
!! शीश के दानी की जय !!
!! खाटू नरेश की जय !!
!! लखदातार की जय !!
!! हारे के सहारे की जय !!
!! लीले के असवार की जय !!
!! श्री मोरवीनंदन श्यामजी की जय !!