/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\!! श्री गणेशाय नमः !!/\/\/\/\/\!! ૐ श्री श्याम देवाय नमः !!\/\/\/\/\!! श्री हनुमते नमः !!/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\

Saturday 27 November 2010

!! "ढूंढा री धरती" ऊपर, म्हारा श्यामधणी पधारया जी... !!





कितना धन्य है यह पावन "ढूंढा रो देश", जहाँ की खाटू नगरी में माता मोरवी के लाल प्यारे श्याम सरकार साक्षात् देव स्वरुप में विराजित है... आइये ऐसे साँवरी, सलोनी सूरत वाले बाबा श्याम के श्री विग्रह को इन नयनो से निहारते हुए, ये भावपूरित श्रद्धा सुमन उनके श्री चरणों में अर्पित करते है...



धन्य धन्य ह ढूंढा रो देश, जांकी महिमा अपरम्पार...
बन्यो ऐसो सुन्दर धाम, जिसने जाने सब संसार...
खाटू नगरी म विराजे, ओ खाटू नगरी म विराजे..
म्हारो श्याम सरकार...



माता मोरवी को लाल, लील घोड़े पे असवार...
इन री हो रही जय जयकार, इन रो नाम ह लखदातार...
खाटू नगरी म विराजे, ओ खाटू नगरी म विराजे...
म्हारो श्याम सरकार...



भक्तां ले करके निशान, जावे श्यामधणी के द्वार...
इनकी एक नजर हो जावे तो, भक्तां रो बेड़ो पार...
खाटू नगरी म विराजे, ओ खाटू नगरी म विराजे...
म्हारो श्याम सरकार...



आवे जब यो कातिक मास, उमड़े मन आनंद अपार...
चालां चालां खाटू धाम, देखा जन्मोत्सव री बहार..
खाटू नगरी म विराजे, ओ खाटू नगरी म विराजे...
म्हारो श्याम सरकार...



म्हारा श्यामधणी रो रूप, लेज्यो नयना स निहार...
देवे श्याम धणी तो पल म उन रा, सारा कष्ट निवार...
खाटू नगरी म विराजे, ओ खाटू नगरी म विराजे...
म्हारो श्याम सरकार...



धन्य धन्य ह ढूंढा रो देश, जांकी महिमा अपरम्पार...
बन्यो ऐसो सुन्दर धाम, जिसने जाने सब संसार...
खाटू नगरी म विराजे, ओ खाटू नगरी म विराजे...
म्हारो श्याम सरकार...



!! साँवरी सलोनी सूरत वाले बाबा श्याम की जय हो !!
!! माता मोरवी के लाल बाबा श्याम की जय हो !!
!! लीले घोड़े के असवार बाबा श्याम की जय हो !!




उपरोक्त भाव में एक शब्द "ढूंढा रो देश" आया है... कहा जाता है, यह वही दग्ध स्थल है, जहा ढूंढा जलकर भस्म हुई थी, ढूंढा दानवराज हिरण्यकश्यप की बहन होली को ही कहते है... और मान्यता के अनुसार यह वही क्षेत्र है जहाँ, उसने देवताओं से प्राप्त अग्नि में न जलने के वरदान से भक्त प्रहलाद को अग्नि में जलाकर भष्म करने की कोशिश कि, परन्तु श्री हरि के भक्त को कौन मार पाया है... अंतत:, दुष्टा ढूंढा (होली) अपने वरदान के गलत प्रयोग करने के कारण स्वयं ही अग्नि में जलकर भष्म हो गयी...


और इसी घटना के प्रतिक में आज तक हम लोग ढूंढा पूजन कर उसे दहते है... और तब से यह क्षेत्र ढूंढारी कहलाने लगा, इसी क्षेत्र में खट्वा नाम की नगरी थी... जहा बाबा श्याम का शीश पवित्र श्याम कुण्ड से प्रकट हुआ था, और अब यह खट्वा नगरी बाबा श्याम की कृपा से, खाटू श्याम जी के नाम से जानी जाती है...


श्री श्याम बाबा की स्तुति में भी "ढूंढा रो देश" का नाम आता है...


"धन्य ढूंढा रो देश है, खाटू नगर सुजान...
अनुपम छवि श्री श्याम की, दर्शन से कल्याण..."


नई दिल्ली के परम श्याम भक्त श्री श्री विश्वनाथ जी "वशिष्ठ " जी ने इस क्षेत्र की महिमा का गुणगान करते हुए "श्री श्याम चरित्र" के अष्टम सौपान में इसप्रकार लिखा है कि...




दग्ध स्थल ही है ढूंढारी, ढूंढा जहाँ गई थी मारी...
ढूंढा को ही होली कहते, है प्रतिक में होली दहते...


भक्त प्रहलाद को मारण ताई, हिरणाकुश ने ढूंढा बुलाई...
ढूंढा आग से डरती नहीं थी, कभी आग से जलती नहीं थी...


भक्त प्रह्लाद था भक्ति करता, हिरणाकुश इसलिए था चिढता...
नहीं माना तो ढूंढा बुलाई, बिठा गोद में आग लगाईं...


जल गई वो प्रह्लाद बचा था, भक्त हरि का वो सच्चा था...
वो वरदान ही श्राप हो गया, दुष्टा को यूँ ताप मिल गया...
जब से ढूंढा गई थी मारी, क्षेत्र यह तब से हुआ ढूंढारी ...


!! तब से दग्ध स्थल हुआ, ढूंढारी प्रचार !!
!! अपभ्रंश से फिर हुआ, क्षेत्र यही ढूंढार !!


क्षेत्र ढूंढार में खटवा नगरी, सुखी संतोषी प्रजा थी सगरी...
कालांतर की खटवा नगरी, अब कहलाती खाटू नगरी...


नगर यही अब धाम हुआ है, गाँव ये खाटू श्याम हुआ है...
जग में श्याम की ज्योति चमके, श्यामदेव की महिमा महके...


देश-देश के सब जन आते, जात जडुला धोक लगाते...
हर दिन मेला सा रहता है, खाटू धाम भरा रहता है...


मनोकामना सब लाते है, पूरण श्याम सभी करते है...
श्याम निशान सदा चढ़ते है, भक्त भाव से नित लाते है...


नर नारी बालक सब आते, दर्शन श्याम धणी का पाते...
सभी श्याम को धोक लगते, मगन होय कर शीश नवाते...


श्याम सदा भक्तन हितकारी, जहाँ प्रेम वह श्याम बिहारी...
मोरवी लाल बड़ा बलकारी, कलयुग का है भव भयहारी...


!! नर-नारी में राम गया, वहां श्याम नाम !!
!! मरुधर में प्रसिद्ध हुआ वहाँ श्याम का धाम !!




 !! जय जय लखदातार की !!
 !! जय जय खाटू नरेश की !!
     !! जय जय लीले के असवार की !!
     !! जय जय मोरवीनंदन श्री श्याम की !!


टिप्पणियाँ


Mukesh K Agrawal
म्हारा श्यामधणी रो रूप, लेज्यो  नयना स  निहार...
देवे श्याम धणी तो पल म उन रा, सारा कष्ट निवार...
खाटू नगरी म विराजे, ओ  खाटू नगरी म विराजे...
म्हारो श्याम  सरकार...

!! साँवरी सलोनी सूरत  वाले बाबा श्याम की जय  हो !!
!! माता मोरवी  के लाल बाबा श्याम की जय  हो !!
!! लीले घोड़े के असवार बाबा श्याम की जय हो !!

November 9 at 9:53pm
 

Prem Prakash Sharma

jai morwinandan shyam baba ki

November 9 at 10:28pm


Elena Kireeva

जय श्री कृष्ण! सुंदर!

November 10 at 10:21pm
Naveen Agarwal

JAI SHREE KHATU NARESH SHYAM BABA KI JAI...

November 10 at 10:24pm


Radhe Saraf

jai sri shyam

Khatu naresh ki jai


November 10 at 11:00pm

Rohan Shanti Shukla

भक्तां ले करके निशान, जावे  श्यामधणी के द्वार...
इनकी एक नजर हो जावे तो, भक्तां रो  बेड़ो पार...
खाटू नगरी म विराजे, ओ  खाटू नगरी म विराजे...
म्हारो श्याम सरकार...

November 10 at 11:46pm


Mahabir Saraf

कब् होगा मिलन हमारा,कब् होगा दरश तुम्हारा
नयनों मे छबि तुम्हारी ,सांसों मे नाम  तुम्हारा

November 11 at 12:39am
Mahabir Saraf

जय हो तुम्हारी जय  हो तुम्हारी, मोर्वीनंदन  श्यामबिहारी 
कलयुग  अवतारी भय भवहारी , जय  हो तुम्हारी  जय हो तुम्हारी

November 11 at 2:17am


प्रेम से बोलो, जय बाबा की । 
सारे बोलो, जय बाबा की ।
भक्तो के प्यारे, बाबा श्री  श्याम ।
भक्त पुकारेँ, जय  श्री श्याम ।

भक्तो के दिल मेँ बसे,  खाटू वाले  श्री श्याम बाबा ।
जय जय खाटू  वाले श्री  श्याम बाबा  आप की जय हो
November 11 at 6:21am

Ankit Sonthalia

tumhari sharan milgayi savare tumhari kasam zindagi mil gayai, hume dekhnewala koi na tha tum jo mile
bandagi mil gayai

November 11 at 7:30am
Mahabir Saraf

सुबह हो या शाम  बोलो जय मोर्विनंदन जय श्री श्याम

November 11 at 2:26pm

 


Susheel Goel


प्रेम से बोलो, जय बाबा की ।
सारे बोलो, जय बाबा की ।
भक्तो के प्यारे, बाबा श्री श्याम ।
भक्त पुकारेँ, जय श्री श्याम ।

भक्तो के दिल मेँ बसे,  खाटू वाले  श्री श्याम बाबा ।
जय जय खाटू वाले श्री  श्याम बाबा आप की जय हो  ।।

November 11 at 2:27pm


Mahabir Saraf

घटोत्कच-मोरविनंदन खाटू का श्याम  बिहारी
भीम पौत्र बलकारी, कलयुग का भव भयहारी

बोलो जय मोरविनंदन, बोलो जय जय श्याम मुरारी

November 11 at 2:40pm

Seshmal Jain

Morwinandan ya Ahilavatinandan hai ka Shyam bolna galat hove.
Babo tho Shri Krishna vardani hai - khatu gram mai pragat hue
Shyam Baba bola bhaiji.

November 11 at 5:18pm
Gyarsilal Bagaria
lekin jo satya hai woh to satya hi rahega !!! Jay Sri Shyam !!!

November 11 at 5:24pm

Seshmal Jain

kke sacho hoye bhaiji

November 11 at 5:29pm
Mukesh K Agrawal

श्याम बाबा जी रो जयकारो  श्याम बाबा  जी री माता रो नाम का  साथ लेवन सा  कोई गलत  नहीं है, भाई  जी... थे भी एक बार बाबा जी  रो जयकारो  प्रेम स  लगाओ...

!! खाटू नरेश की जय !! 
!! शीश के दानी की जय !!
!! लीले के असवार की जय !!
!! श्री  मोरवीनंदन  बाबा श्याम  की जय !!

Gyarsilal Bagaria

Shyam hi sacho nam hai sab se sacho Shyam ko kam jisne diya sheesh ka dan !!!

November 11 at 5:39pm ·
Seshmal Jain

Bhaiji Babo manne maaf karno, par ye manne koni bhave
Shyam Babo to Krishna vardaani hove ya Khatu gram mae pragat huvo - maata tho do hove Morwi aur Ahilavati naag raj kumari.

November 11 at 5:43pm
Seshmal Jain

thee sachi bola Gyarsilala bhaiji

November 11 at 5:45pm
Mukesh K Agrawal

श्री शेषमल जी, श्री मोरवी नंदन बाबा श्याम जी रा ग्रुप  म थारो  स्वागत ह  भाई जी, थे  अपना अमूल्य सुझाव ग्रुप का डिसकसन  बोर्ड म भी  लिख सको हो ... लिंक नीचे  दीयेरी ह... 


!! साँवरी सलोनी सूरत वाले...  बाबा श्याम की जय हो !!
!! माता मोरवी  के लाल बाबा श्याम की जय  हो !!
!! लीले घोड़े के असवार  बाबा श्याम की जय हो !!

November  11 at 5:48pm

Susheel Goel

Bhaiji manne jo kooni bhave ye apke hi  jaano, Babo ki maata ka naam baata ka tte galati karoha, Babo manne samma kariyo.

November 11 at 5:52pm

Mukesh K Agrawal


भाई सुशील गोयल जी... कमेन्ट के लिए, बहुत  बहुत धन्यवाद...

आश्चर्य लगा यह देख  कर आप अभी भी यह सोचते है,  शास्त्र  सम्मत बाबा  श्याम की माता का नाम बताकर मैं गलत कर रहा हूँ, जबकि  आपने स्वयं  " Shri Khatu Shyam Ji" के info में उनके पिता का  म
घटोत्कच (जिनका  विवाह माता कामकंटकटा से हुआ था [जिन्हें माता मोरवी भी कहते है] लिखा है...

आपने info में यह लिखा है... 

"खाटू में भीम के पौत्र और  घटोत्कच के  पुत्र बर्बरीक की  पूजा श्याम  के रूप में की जाती है। ऐसी मान्यता है कि महाभारत युद्ध के समय भगवान श्रीकृष्ण ने बर्बरीक को वरदान दिया था कि कलयुग में  उसकी पूजा श्याम (कृष्ण स्वरूप) के नाम से होगी। खाटू में श्याम के मस्तक स्वरूप की पूजा होती है, जबकि निकट ही स्थित रींगस में धड़ स्वरूप की पूजा की जाती है।"

अब अप यह  बताये में किस प्रकार  से उनकी माता का नाम लिख कर गलत कर रहा हूँ, जो नाम आपको भी स्वीकार्य है...

खैर मुझे आपके स्वयं   मत से किसी भी प्रकार का भेद नहीं है.. आप जिसे  चाहे उन्हें उनकी माता माने...

परन्तु, आपसे विनम्र अनुग्रह है, कृपा कर  किसी भी भाव एवं फोटो  में इस  प्रकार कर संभाषण न करे, इससे भावो के  रसास्वादन में  भक्तवृंदो को व्यवधान उत्पन्न हो सकता है... किसी भी प्रकार के
संभाषण के  लिए, आप नीचे  दिए गए डिसकसन  बोर्ड के लिंक पर अपने सुझाव लिख सकते है...

http://www.facebook.com/to
pic.php?uid=16603551007463
0&topic=177


!! जय जय बोलो शीश के दानी बाबा श्याम की !!
!! जय जय बोलो मात मोरवी रा लाल श्यामधणी की !!
!! जय जय बोलो तीन बाण धारी, लीले रे असवार की !! 


November 11 at 6:32pm ·


Susheel Goel

we are not against story but we against as making comments "Jai Morwinandan Shri Shyam"

November 11 at 6:35pm 
Mukesh K Agrawal

कृपा कर आप "जय मोरवीनंदन  जय श्री श्याम" को  सिर्फ एक  कमेन्ट के  रूप में न  देखे.... यह तो उन श्याम भक्तों का  ह्रदय से निकला हुआ  प्रेम  पूर्वक एवं  प्रेम भाव  से पूरित जयकारा है, जिसके प्रत्येक अक्षर के साथ उनकी  परम आस्था जुड़ी हुई है...

अगर आप इस ...जयकारे के विरोध में है, तो यह  आपकी अपनी  व्यक्तिगत  सोच है... कृपा कर यहाँ पर श्याम प्रेम में उन्मक्त माहौल को इन विचारो से दूषित न करे... 

एक बार पुनः धन्यवाद, भाई सुशील  गोयल जी

!! जय जय बोलो शीश के दानी बाबा श्याम की !!
!! जय जय बोलो मात मोरवी रा लाल श्यामधणी की !!
!! जय जय बोलो तीन बाण धारी, लीले रे असवार की !! 
 

November 11 at 6:45pm
Susheel Goel

Mukeshji plz ......

November 11 at 6:49pm

Mukesh K Agrawal

‎!! जय श्री श्याम  प्यारे की !! 

November 11 at 6:51pm

Radhe Saraf

shyam ek hai ek hi hai aur ek hi rahenge. Chahe mandir ban jaye lakh bhakat ho jaye carore humara shyam shyam hi rahega.

Jai sri shyam
Khatu naresh ki jai.

November 11 at 7:11pm

Mahabir Saraf

श्री राधेश्यामजी,  आपने सच कहा है की श्री  श्याम एक है  और एक ही रहेंगे और  भक्तों के  प्यारे खाटूवाले श्याम  घटोत्कच-कामकंटकटा  के पुत्र है और उनके ही  पुत्र  कहलायेंगे|  कामकंटकटा जो दैत्यराज मूर की लड़की थी इसीलिए  उन्हें  मोर्वी भी कहते थे और हम अगर बाबा श्याम को मोर्वीनंदन कहे तो माता मोर्वी को  सम्मान देते है ; आप और सब श्री श्याम भक्त भी माता को सम्मान देना चाहेंगे और एक भ्रम और दुर हो जाएगा कि यशोदानंद या देवकीनन्द श्याम श्री कृष्ण कन्हिया  श्याम है जिन्होंने  अपने अनेको नामों में से एक नाम "श्याम" से श्री बर्बरीकजी को अलंकृत किया था | आप से सादर अनुरोध है  कि आप डिसकसन  बोर्ड में  हुए  डिस्कसन को पढेंगे तो आपका मन गंगा जल की तरह पवित्र  हो जाएगा |आईये  हम सभी श्री श्याम प्रभु के श्री चरणों में नतमस्तक हो कर भजन सुमन अर्पित करें :

घटोत्कच-मोरविनंदन खाटू का श्याम बिहारी
भीम पौत्र बलकारी, कलयुग का भव भयहारी

बोलो जय मोरविनंदन,बोलो जय जय श्याम  मुरारी
जय हो तुम्हारी, जय हो तुम्हारी, मोर्वीनंदन श्याम बिहारी
कलयुग अवतारी भक्तों के हितकारी ,जय  हो तुम्हारी....
 

आपका स्वागत है 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र" ग्रुप में 

जय मोरवीनंदन  जय श्री श्याम

November 11 at 8:18pm

Prakash Raj Saraf

!!!۞!!! जय जय मोरवी नन्दन जय  श्री श्याम !!!۞!!!

2 comments:

थे भी एक बार श्याम बाबा जी रो जयकारो प्रेम सुं लगाओ...

!! श्यामधणी सरकार की जय !!
!! शीश के दानी की जय !!
!! खाटू नरेश की जय !!
!! लखदातार की जय !!
!! हारे के सहारे की जय !!
!! लीले के असवार की जय !!
!! श्री मोरवीनंदन श्यामजी की जय !!

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