ओ थारी बाट उडिका, सुबह शाम म्हारा बाबा जी...
ओ थारी बाट उडिका, सुबह शाम म्हारा बाबा जी...
ओ बाबा! दर्शन दिखायां बिना कईया सरसी...
ओ बाबा! मन म समाया बिना कईया सरसी...
ओ थारी बाट उडिका, सुबह शाम म्हारा बाबा जी...
ओ बाबा! दर्शन दिखायां बिना कईया सरसी...
ओ बाबा! मन म समाया बिना कईया सरसी...
रोज़ उडिकू रस्तों थारो, भर भर आवे हिवड़ो म्हारो...
ओ थारी याद सतावे, दिन-रात म्हारा बाबा जी...
ओ बाबा! ढ़ांढस बंधाया बिना कईया सरसी...
ओ बाबा! दर्शन दिखायां बिना कईया सरसी...
ओ थारी याद सतावे, दिन-रात म्हारा बाबा जी...
ओ बाबा! ढ़ांढस बंधाया बिना कईया सरसी...
ओ बाबा! दर्शन दिखायां बिना कईया सरसी...
कलयुग का दाता कहलाओ, भूल क्षमा कर हिवड़े लगाओ...
ओ थारी ज्योत जगावां म्हारा खाटू वाला बाबा जी...
ओ बाबा! दर्शन दिखायां बिना कईया सरसी...
ओ बाबा! मन म समाया बिना कईया सरसी...
ओ थारी ज्योत जगावां म्हारा खाटू वाला बाबा जी...
ओ बाबा! दर्शन दिखायां बिना कईया सरसी...
ओ बाबा! मन म समाया बिना कईया सरसी...
ग्यारस न थारी ज्योत जगावां, बारस न थारे धोक लगावां...
थारे "शर्मा" णे क्यूँ तरसाओ म्हारा बाबा जी...
ओ बाबा! बिगड़ी बनाया बिना कईया सरसी...
ओ बाबा! ढ़ांढस बंधाया बिना कईया सरसी...
थारे "शर्मा" णे क्यूँ तरसाओ म्हारा बाबा जी...
ओ बाबा! बिगड़ी बनाया बिना कईया सरसी...
ओ बाबा! ढ़ांढस बंधाया बिना कईया सरसी...
थारी बाट उडिका, सुबह शाम म्हारा बाबा जी...
ओ बाबा! दर्शन दिखायां बिना कईया सरसी...
ओ बाबा! मन म समाया बिना कईया सरसी...
ओ बाबा! मन म समाया बिना कईया सरसी...
श्री मोरवीनंदन बाबा श्यामप्रभु की यह अनुपम छवि फज़िल्का (पंजाब प्रांत) के श्री श्याम मंदिर की है...
ओ बाबा! दर्शन दिखायां बिना कईया सरसी...
ओ बाबा! मन म समाया बिना कईया सरसी...
ओ बाबा! मन म समाया बिना कईया सरसी...
!! जय जय मोरवीनंदन, जय जय बाबा श्याम !!
!! काम अधुरो पुरो करज्यो, सब भक्तां को श्याम !!
!! जय जय शीश के दानी, जय जय खाटू धाम !!
!! म्हे आया शरण तिहारी, शरण म अपणे लेलो श्याम !!
!! काम अधुरो पुरो करज्यो, सब भक्तां को श्याम !!
!! जय जय शीश के दानी, जय जय खाटू धाम !!
!! म्हे आया शरण तिहारी, शरण म अपणे लेलो श्याम !!
श्री मोरवीनंदन बाबा श्यामप्रभु की यह अनुपम छवि फज़िल्का (पंजाब प्रांत) के श्री श्याम मंदिर की है...
भाव के रचियता : "श्री कांशीराम जी शर्मा"
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थे भी एक बार श्याम बाबा जी रो जयकारो प्रेम सुं लगाओ...
!! श्यामधणी सरकार की जय !!
!! शीश के दानी की जय !!
!! खाटू नरेश की जय !!
!! लखदातार की जय !!
!! हारे के सहारे की जय !!
!! लीले के असवार की जय !!
!! श्री मोरवीनंदन श्यामजी की जय !!