/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\!! श्री गणेशाय नमः !!/\/\/\/\/\!! ૐ श्री श्याम देवाय नमः !!\/\/\/\/\!! श्री हनुमते नमः !!/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\

Friday 31 December 2010

!! हारे का सहारा, श्री श्याम जी का द्वारा... !!



कलियुग के अवतारी श्री श्यामधणी खाटूवाले की आराधना मानव के लिए अत्यंत कल्याणकारक है... स्वयं श्री श्याम बाबा मेरे कुलदेव है... उनकी कृपा से ही हमारा जीवन है... मैं व पूरा श्याम परिवार तथा सम्पूर्ण संसार श्री श्याम बाबा की कृपा का ही फल मात्र है... इसलिए तो लखदातार, हारे के सहारे, माता मोरवी के लाल श्री श्याम जी की इस कलयुग में महिमा बहुत भारी है...



प्रभु अवतारी है, जी महिमा भारी है...
प्रभु अवतारी है, जी महिमा भारी है...
जय जय हो लखदातार...
सुहाना खाटू का दरबार...



द्वापर युग की महिमा, कलयुग में है दर्शायी... 
द्वापर युग की महिमा, कलयुग में है दर्शायी... 
भक्तो का दुःख हरने, खाटू में ज्योत जगाई...
साँवरिया श्याम का - ओ श्याम का, अनुपम है श्रृंगार...
जय जय हो लखदातार...



प्रभु अवतारी है, जी महिमा भारी है...
प्रभु अवतारी है, जी महिमा भारी है...
जय जय हो लखदातार...



हारे का सहारा, श्री श्याम जी का द्वारा...
हारे का सहारा, श्री श्याम जी का द्वारा...
दानी है वरदानी, पाण्डव कुल का उजियारा...
जो भी आये द्वार पे - ओ द्वार पे, पाये उसका प्यार...
जय जय हो लखदातार...



प्रभु अवतारी है, जी महिमा भारी है...
प्रभु अवतारी है, जी महिमा भारी है...
जय जय हो लखदातार...



कलयुग का अवतारी, भगतो की लाज बचाये...
कलयुग का अवतारी, भगतो की लाज बचाये...
जब जब भक्त पुकारे, वो दौड़ा दौड़ा आये...
भरता सबकी झोलीयाँ - ओ झोलीयाँ, लीले का असवार...
जय जय हो लखदातार...



प्रभु अवतारी है, जी महिमा भारी है...
प्रभु अवतारी है, जी महिमा भारी है...
जय जय हो लखदातार...
सुहाना खाटू का दरबार...



!! जय जय मोरवीनंदन, जय जय बाबा श्याम !!
!! म्हे आया शरण तिहारी, शरण म अपणे लेलो श्याम !!

"राधिका गोरी से बृज की छोरी से, मैया करा दे मेरो ब्याह" तर्ज़ पर आधारित

भजन रचियता : "अज्ञात"

Wednesday 29 December 2010

!! ओ श्याम थे तो माता मोरवी का लाल कुहाओ जी... !!



आज म्हारा साँवरा सलोना श्यामधणी खाटूवाला जी रो ओ अद्वितीय नयनाभिराम रूप न देख मनरो बारम्बार यु कहवे ह..


सांवरिया थारो, रूप समायो नयना माहिं जी...
सांवरिया थारो, रूप समायो नयना माहिं जी...
पालकां म थाणे, बंद कर राखा जी...
पालकां म थाणे, बंद कर राखा जी...




ओ बाबा थारे, माथे मुकुटमणि सोहे जी...
ओ बाबा थारे, माथे मुकुटमणि सोहे जी...
ये लट घुंघराला, लागे सुप्यारा जी...
ये लट घुंघराला, लागे सुप्यारा जी...



ओ श्याम थारे, केशरिया, बागो तन पे साजे जी...
ओ श्याम थारे, केशरिया, बागो तन पे साजे जी...
काना म कुण्डल, चमके निराला जी...
काना म कुण्डल, चमके निराला जी...



लखदातार थे तो, लीले घोड़े पे करो असवारी जी...
लखदातार थे तो, लीले घोड़े पे करो असवारी जी...
थे आवो देवा, बेगा पधारो जी...
थे आवो देवा, बेगा पधारो जी...



म्हारा श्याम थे तो, खाटू नगरी को सेठ कुहाओ जी...
म्हारा श्याम थे तो, खाटू नगरी को सेठ कुहाओ जी...
है ठाठ थारा देख्या निराला जी...
है ठाठ थारा देख्या निराला जी...



सांवरिया थारी, सूरत पे जावां म्हे तो वारि जी...
सांवरिया थारी, सूरत पे जावां म्हे तो वारि जी...
मन मोहे बाबा, मुस्कान थारी जी...
मन मोहे बाबा, मुस्कान थारी जी...



ओ श्याम थे तो माता मोरवी का लाल कुहाओ जी...
ओ श्याम थे तो माता मोरवी का लाल कुहाओ जी...
चरणा का चाकर न, आन उबारो जी...
चरणा का चाकर न, आन उबारो जी...



सांवरिया थारो, रूप समायो नयना माहिं जी...
सांवरिया थारो, रूप समायो नयना माहिं जी...
पालकां म थाणे, बंद कर राखा जी...
पालकां म थाणे, बंद कर राखा जी...


आप सब इस मधुर भाव को यहाँ पर भी सुन सकते है....






!! जय जय मोरवीनंदन, जय जय बाबा श्याम !!
!! म्हे आया शरण तिहारी, शरण म अपणे लेलो श्याम !!

Tuesday 28 December 2010

!! श्याम नाम गुण गायेगा, स्नेह श्याम प्रभु का पायेगा !!




श्री श्याम नाम की ज्योति जगाले, जो चाहे सो पायेगा...
संकट कटे मिटे सब पीड़ा, भव से तूं तर जायेगा...



राम-श्याम घनश्याम नाम की, महिमा जिसने गाई है...
प्रभु ने भी आकर उसकी, नैया पार लगाई है...
केवट है यह मझधारों का, दौड़ा-दौड़ा आयेगा...
संकट कटे मिटे सब पीड़ा,भव से तूं तर जायेगा...



गज, अजामिल, गणिका, तर गये, तर गया नंदा नाई था...
सबरी ने भी दर्शन पाया, तर गया सदना कसाई था...
धन्ना भगत का खेत पटाया, बगिया तेरी लहारायेगा...
संकट कटे मिटे सब पीड़ा, भव से तूं तर जायेगा...



श्याम नाम का रंग चढाले, बन जा तूं भी दीवाना...
सूर-सुदामा मीरा नरसी सा, तूं बन जा परवाना...
जगे श्याम की ज्योति मन में, ज्योति में मिल जायेगा...
संकट कटे मिटे सब पीड़ा, भव से तूं तर जायेगा...



श्याम बहादुर मात्रदत्त और आलूसिंह जी बतलाये...
काशीराम भी अलख जगाये, ओंकार श्याम का गुण गाये...
'टीकम' मिले खजाना तुमको, बाँट-बाँट सुख पायेगा...
संकट कटे मिटे सब पीड़ा, भव से तूं तर जायेगा...



!! भव से वो तर जायेगा, जो श्याम नाम गुण गायेगा !!
!! श्याम नाम गुण गायेगा, स्नेह श्याम प्रभु का पायेगा !!
!! जय जय मोरवीनंदन, जय जय श्यामसुन्दर घनश्याम !!


भजन : "श्री महाबीर जी"

Sunday 26 December 2010

!! आओ जी आओ, ओ खाटूवाला श्याम, म्हे जोवा बाटड़ली...!!




आओ जी आओ, ओ खाटूवाला श्याम, म्हे जोवा बाटड़ली...
ओ आओ जी, आओ न, म्हे जोवा बाटड़ली...
म्हे जोवा बाटड़ली...




थाणे तो बुलावा घणा प्रेम स, ओ बाबा प्रेम स...
रात जगावां थारी नेम स, ओ बाबा नेम स...
आँखरली निहारे दिन-रात, म्हे जोवा बाटड़ली...
म्हे जोवा बाटड़ली...




आओ जी आओ ओ खाटूवाला श्याम, म्हे जोवा बाटड़ली...
ओ आओ जी आओ, आओ न, म्हे जोवा बाटड़ली...



ओ टाबरिया म्हे थारा म्हाने ज्ञान दो, ओ बाबा ज्ञान दो...
चरणा री भक्ति रा म्हाने दान दो, ओ बाबा दान दो...
भक्तां की अब रखल्यो बाबा बात, म्हे जोवा बाटड़ली...
म्हे जोवा बाटड़ली...



आओ जी आओ ओ खाटूवाला श्याम, म्हे जोवा बाटड़ली...
ओ आओ जी आओ, आओ न, म्हे जोवा बाटड़ली...



अरजी लेके आया थारे द्वार म, ओ बाबा द्वार म...
थारे सिवा कोई न संसार म, ओ बाबा संसार म...
'श्यामसुन्दर' क सिर पर रखदयो हाथ, म्हे जोवा बाटड़ली...
म्हे जोवा बाटड़ली...



आओ जी आओ ओ खाटूवाला श्याम, म्हे जोवा बाटड़ली...
ओ आओ जी आओ, आओ न, म्हे जोवा बाटड़ली...
म्हे जोवा बाटड़ली...



!! जय जय मोरवीनंदन, जय जय बाबा श्याम !!
!! काम अधुरो पुरो करज्यो, सब भक्तां को श्याम !!
!! जय जय शीश के दानी, जय जय खाटू धाम !!
!! म्हे आया शरण तिहारी, शरण म अपणे लेलो श्याम !!



भजन : "श्री श्यामसुन्दर जी"

Friday 24 December 2010

!! दरबार तेरा ओ श्याम, खुशियों का खजाना है... !!




वास्तव में खाटू वाले श्री श्याम प्रभु का दरबार खुशियों का खजाना ही है, जहाँ समस्त श्याम प्रेमियों को आत्मिक शुकुन की प्राप्ति होती है... इसलिए तो बाबा श्याम धणी के भक्त इस प्रकार अपनी भावनाऑ की अभिव्यक्ति करते है...




दरबार तेरा ओ श्याम, खुशियों का खजाना है...
मिलता जो शकुन यहाँ, कहीं और न जाना है...
दरबार तेरा ओ श्याम, खुशियों का खजाना है...
मिलता जो शकुन यहाँ, कहीं और न जाना है...



आया जो पहली बार, दर पर तेरे ओ श्याम...
जग में चर्चा तेरी, सुन कर तेरा मैं नाम...
देखा जबसे तुझे श्याम, दिल तेरा दीवाना है...
मिलता जो शकुन यहाँ, कहीं और न जाना है...



मस्ती जो बरस रही, मस्ती में मैं खोया...
नाच उठा मेरा मन, जागा जो था सोया...
भक्ति का दीप यह श्याम, घर-घर में जगाना है...
मिलता जो शकुन यहाँ, कहीं और न जाना है...



जहाँ दीप जगे आना, जगे ज्योति तुम्हारी श्याम...
गुणगान करूँ तेरा, रस पान करूँ मैं श्याम...
रस भक्ति का तुझे श्याम, हाथों से पिलाना है...
मिलता जो शकुन यहाँ, कहीं और न जाना है...



एक बार नहीं कई बार,पीया न प्यास बुझे...
बढ़ती ही यह जाये,जब-जब मैं देखुं तुझे...
'टीकम' दे दर्शन श्याम,निश दिन दर आना है...
मिलता जो शकुन यहाँ,कहीं और न जाना है...



दरबार तेरा ओ श्याम,खुशियों का खजाना है
मिलता जो शकुन यहाँ,कहीं और न जाना है..
दरबार तेरा ओ श्याम, खुशियों का खजाना है...
मिलता जो शकुन यहाँ, कहीं और न जाना है...



!! जय जय मोरवीनंदन, जय जय बाबा श्याम !!
!! काम अधुरो पुरो करज्यो, सब भक्तां को श्याम !!
!! जय जय शीश के दानी, जय जय खाटू धाम !!
!! म्हे आया शरण तिहारी, शरण म अपणे लेलो श्याम !!


भजन : "श्री महाबीर जी"

Wednesday 22 December 2010

!! कीर्तन की ह रात, बाबा आज थाणे आणों ह... !!




जब कभी और जहाँ कही भी खाटू वाले श्री श्यामधणी का कीर्तन उत्सव का आयोजन किया जाता है, और कीर्तन की सम्पूर्ण तैयारी हो जाती है, तत्पश्चात कीर्तन में उपस्थित समस्त श्याम प्रेमियों के हृदय में एकमात्र यही भाव उत्पन्न होता है, जिसे वे इन शब्दों के माध्यम से श्री श्यामधणी को अर्पण करते है... आइये हम सब भी बाबा श्यामधणी को समर्पित इन भावों का रसास्वादन करे...



कीर्तन की ह रात, बाबा आज थाणे आणों ह...
कीर्तन की ह रात, बाबा आज थाणे आणों ह...
ओ कीर्तन की ह रात, बाबा आज थाणे आणों ह...
थाणे कौल निभाणों ह...



दरबार साँवरिया, ऐसो सज्यो प्यारो, दयालु आपको...
सेवा म साँवरिया, सगला खड़ा डीके, हुकुम बस आपको...
सेवा म थारी, सेवा म थारी, म्हाने आज बिछ जाणो ह...
ओ सेवा म थारी, म्हाने आज बिछ जाणो ह...
थाणे कौल निभाणों ह...



कीर्तन की ह रात, बाबा आज थाणे आणों ह...
कीर्तन की ह रात, बाबा आज थाणे आणों ह...



कीर्तन की ह त्यारी, कीर्तन करां जम क, प्रभु क्यूँ देर करो...
वादों थारो दाता, कीर्तन म आणे को, घणी क्यूँ देर करो...
भजनां सु थाणे, भजनां सु थाणे, म्हाने आज रिझाणों ह..
ओ भजनां सु थाणे, म्हाने आज रिझानो ह..
थाणे कौल निभाणों ह...



कीर्तन की ह रात, बाबा आज थाणे आणों ह...
कीर्तन की ह रात, बाबा आज थाणे आणों ह...



जो कुछ बन्यो म्हासु, अर्पण प्रभु सारो, प्रभु स्वीकार करो...
नादाँ सु गलती, होती ही आई ह, प्रभु मत ध्यान धरो.. 
'नंदू' साँवरिया,  'नंदू' साँवरिया, थारो दास पुरानो ह...
ओ 'नंदू' साँवरिया, थारो दास पुरानो ह...
थाणे कौल निभाणों ह...



कीर्तन की ह रात, बाबा आज थाणे आणों ह...
कीर्तन की ह रात, बाबा आज थाणे आणों ह...
ओ कीर्तन की ह रात, बाबा आज थाणे आणों ह...
थाणे कौल निभाणों ह...



कीर्तन की ह रात, बाबा आज थाणे आणों ह...
कीर्तन की ह रात, बाबा आज थाणे आणों ह...



आप सभी यह मधुर भाव नीचे दिये गए लिंक पर क्लिक कर सुन भी सकते है...







!! जय जय मोरवीनंदन, जय जय बाबा श्याम !!
!! काम अधुरो पुरो करज्यो, सब भक्तां को श्याम !!
!! जय जय शीश के दानी, जय जय खाटू धाम !!
!! म्हे आया शरण तिहारी, शरण म अपणे लेलो श्याम !!


भजन : "श्रद्धेय श्री नंदू जी"
  
श्री श्यामधणी खाटूवाले के कीर्तन की यह अनुपम श्रृंगाररित झांकी "श्री श्याम मंदिर, रायगढ़, छत्तीसगढ़" की है...

Tuesday 21 December 2010

!! यो त्रिलोकी को नाथ जाट कै, बण गयी हाली रे... !!



कौन कहता हैं, कि प्रभु अपने भक्तों के घर नहीं आते... त्रिलोकी के नाथ श्याम प्रभु तो इतने दयालु और कृपालु कि एक जाट की अविरल शुद्ध भक्ति को देख एवं उसके प्रेमावशीभूत हो उनके घर एक हल चलाने वाले 'हाली' के रूप में प्रकट हो जाते है और उस जाट के सम्पूर्ण कार्य सिद्ध करते है... सही में प्रभु की माया को कोई नहीं समझ पाया है...


श्री खाटूश्याम जी के वयोवृद्ध श्री श्याम भक्त "श्रद्धेय श्री सोहनलाल जी लोहाकार" ने अपने अंतर्मन के भावों से प्रभु की इस लीला का गायन राजस्थानी भाषा में बहुत ही आलौकिक ढंग से किया है... आइये हम सब भी इन भावों का रसास्वादन करे...




कुण जाणे या माया श्याम की अजब निराली रे...
यो त्रिलोकी को नाथ जाट कै, बण गयी हाली रे...
कुण जाणे या माया श्याम की अजब निराली रे...
यो त्रिलोकी को नाथ जाट कै, बण गयी हाली रे...



सौ बीघा को खेत जाट कै, श्यम भरोसे खेती रे...
आधा मैं तो गयूं चणा, आधा म दाना, मेथी रे...
बिना बाड़ को खेत ह म्हारो, श्याम रुखाली रे...
यो त्रिलोकी को नाथ जाट कै, बण गयी हाली रे...



कुण जाणे या माया श्याम की अजब निराली रे...
यो त्रिलोकी को नाथ जाट कै, बण गयी हाली रे...



भूरी भैंस चमकणी जाट कै, दो बकरी दो नारा रे...
बिना बाड़ को बाज्या म, बांध्यो न्यारा न्यारा रे...
आवे चोर जद उब्यों दीखे, काड्डे गाली रे...
यो त्रिलोकी को नाथ जाट कै, बण गयी हाली रे...



कुण जाणे या माया श्याम की अजब निराली रे...
यो त्रिलोकी को नाथ जाट कै, बण गयी हाली रे...



बाजरे की रोटी खावे, ऊपर घी को लसको रे...
पालक की तरकारी खावे, भर मूली को बटको रे...
छाछ राबड़ी को करे कलेवो, भर भर थाली रे...
यो त्रिलोकी को नाथ जाट कै, बण गयी हाली रे...
 


कुण जाणे या माया श्याम की अजब निराली रे...
यो त्रिलोकी को नाथ जाट कै, बण गयी हाली रे...



जाट-जाटणी  निर्भय सोवे, सोवे छोरा-छोरी रे...
श्यामधणी पहरे के ऊपर, कैया होवे चोरी रे...
आवे चोर लगावे चक्कर, जावे खाली रे...
यो त्रिलोकी को नाथ जाट कै, बण गयी हाली रे...



कुण जाणे या माया श्याम की अजब निराली रे...
यो त्रिलोकी को नाथ जाट कै, बण गयी हाली रे...



निर्धन जाट को छ्परो छायो, लक्षी बाँध खिचायो रे...
चेजो बण चिनवा लाग्यो, हाथा ही गारो गायों रे...
बण दियो घर जड़ दियो तालो, दे गयो ताली रे...
यो त्रिलोकी को नाथ जाट कै, बण गयी हाली रे...



कुण जाणे या माया श्याम की अजब निराली रे...
यो त्रिलोकी को नाथ जाट कै, बण गयी हाली रे...



सोहनलाल लोहाकार कहे, यो घर भक्तां क आवे रे...
धाबलिये री औट बैठ क, श्याम खीचड़ो खावे रे...
भक्तां के संग नाचे गावे, दे दे ताली रे...
यो त्रिलोकी को नाथ जाट कै, बण गयी हाली रे...
 


कुण जाणे या माया श्याम की अजब निराली रे...
यो त्रिलोकी को नाथ जाट कै, बण गयी हाली रे...
कुण जाणे या माया श्याम की अजब निराली रे...
यो त्रिलोकी को नाथ जाट कै, बण गयी हाली रे...



!! जय जय मोरवीनंदन, जय जय बाबा श्याम !!
!! काम अधुरो पुरो करज्यो, सब भक्तां को श्याम !!
!! जय जय शीश के दानी, जय जय खाटू धाम !!
!! म्हे आया शरण तिहारी, शरण म अपणे लेलो श्याम !!


भाव के रचियता :  "श्री सोहनलाल लोहाकार जी"

Monday 20 December 2010

!! जय जय जय खाटू के वासी, जय जय जय जय बाबा श्याम... !!




सभी भगवद भक्तों का यह अटूट विश्वास है, कि भगवान सर्वव्यापक हैं... ब्रह्माण्ड के प्रत्येक कण कण में उनका निवास हैं... विश्व कि समस्त विभूतियाँ उन्ही के प्रकाश से जगमगा रही है... यद्यपि उनकी प्राप्ति सर्वत्र हो सकती है, परंतु जिस विशेष स्थान में उनका आविर्भाव होता है उसका अपना विशिष्ट महत्त्व होता है...


ढूंढा रे देश के 'खाटू ग्राम' को माता मोरवी के लाल बाबा श्यामधणी ने निज भक्तों के कल्याणार्थ स्वयं अपनाया है... यही कारण है कि बाबा श्याम जी के दर्शानाभिलाषी देश के कोने कोने से यहाँ आते है और उनका दर्शन कर स्वयं को कृतार्थ करते है... आइये अब सभी श्याम प्रेमी खाटू के वासी बाबा श्याम का जयकारा श्रद्धापूर्वक शरणागत भाव से लगाये...




जय जय जय खाटू के वासी, जय जय जय जय बाबा श्याम...
शरणागत हम आये आपकी, अपनी शरण में ले लो श्याम...



सुन्दर कुण्ड बना खाटू में, शोभा अति अपारी ओ श्याम...
आचमन करते श्याम कुण्ड में, भवसागर से तारे ओ श्याम...



जय जय जय खाटू के वासी, जय जय जय जय बाबा श्याम...
शरणागत हम आये आपकी, अपनी शरण में ले लो श्याम...



शीश मुकुट आभुषण सोहे, गल पुष्पन की माला ओ श्याम...
मस्तक पर मल्यागिरि चंदन, मोर छड़ी लिये हाथां ओ श्याम...



जय जय जय खाटू के वासी, जय जय जय जय बाबा श्याम...
शरणागत हम आये आपकी, अपनी शरण में ले लो श्याम...



रतन जड़ित सिंहासन बैठे, केशरिया बागा अंग ओ श्याम....
खीर चूरमा भोग लगत हैं, मोदक भर-भर थाली ओ श्याम...



जय जय जय खाटू के वासी, जय जय जय जय बाबा श्याम...
शरणागत हम आये आपकी, अपनी शरण में ले लो श्याम...



ऊँचे भवन अति छत्र विराजे, शोभा अति अपारी ओ श्याम...
खड़े भक्तजन चंवर डुलावत, सेवा तुम्हारी करते ओ श्याम...



जय जय जय खाटू के वासी, जय जय जय जय बाबा श्याम...
शरणागत हम आये आपकी, अपनी शरण में ले लो श्याम...



नाथ अप्सरा नृत्य करत है, कर रही तुम्हारा श्याम गुणगान...
संत भक्त सेवक नर नारी, लगा रहे चरणों में ध्यान...



जय जय जय खाटू के वासी, जय जय जय जय बाबा श्याम...
शरणागत हम आये आपकी, अपनी शरण में ले लो श्याम...



धुप कपूर जलाये श्याम की, निश दिन आरती करते ओ श्याम...
झांझ कटोरा और घड़ियावल, शंख तुम्हरा बाजे ओ श्याम...



जय जय जय खाटू के वासी, जय जय जय जय बाबा श्याम...
शरणागत हम आये आपकी, अपनी शरण में ले लो श्याम...



नगाड़ा तुम्हारा बाज रहा हैं, तीन लोक में जय जयकार...
नारद शारद शेष महेश पायो तुम्हारो श्याम पार न पार...



जय जय जय खाटू के वासी, जय जय जय जय बाबा श्याम...
शरणागत हम आये आपकी, अपनी शरण में ले लो श्याम...



आप तो हो प्रभु अंतर्यामी, हम मुरख खल कामी ओ श्याम...
शरणागत हम आये आपकी, अपनी शरण में ले लो श्याम...



जय जय जय खाटू के वासी, जय जय जय जय बाबा श्याम...
शरणागत हम आये आपकी, अपनी शरण में ले लो श्याम...



!! जय जय मोरवीनंदन, जय जय बाबा श्याम !!
!! काम अधुरो पुरो करज्यो, सब भक्तां को श्याम !!
!! जय जय शीश के दानी, जय जय खाटू धाम !!
!! म्हे आया शरण तिहारी, शरण म अपणे लेलो श्याम !!

Sunday 19 December 2010

!! यो साँचो देव कुहावे ह, श्यामधणी... !!



अपणा सगला भगतां री पत राखन हालो, निज भगतां पे गहरी महर लुटावन हालो, माता मोरवी रो लाल खाटू हालो श्यामधणी जी री बात ही सबस्यूं निराली ह... साँचो साँचो म्हारा धणी रो नाम ह और साँचो साँचो ही म्हारा बाबा जी रो खाटूधाम ह...


खाटू हालो सांवरियों, भगतां की पत राखनियो...
यो साँचो देव कुहावे ह, श्यामधणी...
यो साँचो देव कुहावे ह, श्यामधणी...
 


खाटू हाले श्यामधणी की, सारे जग में चरचा ह...
हाथ्यू हाथ मिले भगतां न, श्यामधणी का परचा ह...
जो भी हाथ पसारे ह, वां पे खुशियाँ वारे ह...
यो गहरी महर लुटावे ह, श्यामधणी...
यो साँचो देव कुहावे ह, श्यामधणी...



खाटू हालो श्याम धणी तो, सब का संकट काटे ह...
बिगड़ी बात बनावे सबकी, कोई न नहीं नाटे ह...
जो भी अरज लगावे ह, मन कि मुरादां पावे ह...
यो सबकी आस पुरावे ह, श्यामधणी...
यो साँचो देव कुहावे ह, श्यामधणी...



खाटू हाले श्यामधणी न, जो भी एक बार ध्यायो ह...
'रवि' कहे वो जीवन माँहि, कभी नहीं दुःख पायो ह...
जैसी भक्ति ल्यावोगा, वैसो ही फल पावोगा...
यो साँचो न्याय चुकावे ह, श्याम धणी...
यो साँचो देव कुहावे ह, श्यामधणी...



खाटू हालो सांवरियों, भगतां की पत राखनियो...
यो साँचो देव कुहावे ह, श्यामधणी...
यो साँचो देव कुहावे ह, श्यामधणी...



 
!! जय जय मोरवीलाल बाबा श्यामधणी की !!
!! जय जय लीले रा असवार श्यामधणी की !!
!! जय जय शीश के दानी श्री श्यामधणी की !!
!! जय जय हो लखदातार श्री श्यामधणी की !!
!! जय जय तीन बाणधारी श्री श्यामधणी की !!

भजन : "श्री रवि जी"

!! बाबा कईया मैं, लगाऊ तेरे कालो टीको रे... !!




श्री मोरवीनंदन खाटू वाला श्यामधणी रो यो  अनुपम ध्वल श्रृंगार जिसके आगे म्हाने चन्द्रमा रो सौन्दर्य फीको लागे ह, न निरख निरख, बारम्बार म्हारा श्याम बाबा जी री नज़र उतारण की मन में आवे ह, परन्तु नज़र उतारण को कोई तरीको समझ म नहीं आवे ह... क्योकि कालो टीको लगावाण सुं, आं को रूप और भी सोहणो और श्रृंगार और भी अनुपम हो जावे ह, इनका नयना सु, यु अमृत की धार बरसे ह, कि नज़र उतारण ताई लायेड़ा  नुण-राई रो नुण भी शहद सु मीठो हो जावे ह, आं की मोरछड़ी रो झाड़ो तो सारी दुनिया लगाया करे ह, परन्तु आं की नज़र उतारण ताई  की रो झाड़ो लगावा या भी समझ नहीं आवे है... परन्तु म्हाने तो अब एक ही तरीको समझ म आवे ह, वो यो ह की, सगला मिल जुल कर आं की दोनु हाथा स बलैया लेर लेर नज़र उतारां...




बाबा कईया मैं, लगाऊ तेरे कालो टीको रे...
ओ हो श्याम कईया मैं, लगाऊ तेरे कालो टीको रे...
काले टीके म तू और भी, सोहणो दिखे रे,
ओ हो बाबा कईया मैं लगाऊ तेरे कालो टीको रे...




सज धज कर तू बैठ्यो बाबा, कितनो सोहणो लागे रे...
ओ हो सज धज कर तू बैठ्यो बाबा, कितनो सोहणो लागे रे...
चंदो भी तेरे आगे तो, पड़ गयो फीको रे...
ओ हो बाबा कईया मैं, लगाऊ तेरे कालो टीको रे...




कईया नजर उतारू तेरी, आँख्यां स अमृत बरसे...
ओ हो कईया नजर उतारू तेरी, आँख्यां स अमृत बरसे...
नुण राई को नुण जी बाबा, हो गयो मीठो रे...
ओ हो बाबा कईया मैं, लगाऊ तेरे कालो टीको रे...




दुनिया अपनी नज़र उतारे, बाबा तेरे झाड़े स...
ओ हो दुनिया अपनी नज़र उतारे, बाबा तेरे झाड़े स...
तेरी नज़र उतारण झाड़ो, देवा की को रे...
ओ हो बाबा कईया मैं, लगाऊ तेरे कालो टीको रे...




आओ भगतां आपां सब मिल, लेवां बलैया बाबा की...
ओ हो आओ भगतां आपां सब मिल, लेवां बलैया बाबा की...
नज़र उतारण को बस यो ही दिखे रस्तो रे...
ओ हो बाबा कईया मैं, लगाऊ तेरे कालो टीको रे...




बाबा कईया मैं, लगाऊ तेरे कालो टीको रे...
ओ हो श्याम कईया मैं, लगाऊ तेरे कालो टीको रे...
काले टीके म तू और भी, सोहणो दिखे रे...
ओ हो बाबा कईया मैं लगाऊ तेरे कालो टीको रे...



!! जय जय बोलो लखदातार की !!
!! जय जय बोलो लीले के असवार की !!
!!  जय जय बोलो म्हारा शीश के दानी की !!
!! जय जय बोलो म्हारा मोरवीनंदन श्यामधणी की !!

Saturday 18 December 2010

!! भगतां रो मान बढाओ जी... !!



श्री श्यामधणी खाटू वाले से सभी भक्तों की यही अरदास है कि...



ल्यो हाथां लगाम, श्याम थे लीलै चढ़ क आओ जी...
ल्यो हाथां लगाम, श्याम थे लीलै चढ़ क आओ जी...
भगतां रो मान बढाओ जी...



दरबार सजाया हां, भगतां न बुलाया हां, श्याम थे आ भी जाओ...
मन म चाव घणो, बाबा थार दर्शन को, दर्शन दे भी जाओ...
ज्योति जगाई श्याम, ज्योति जगाई श्याम, ज्योति निरखण आओ जी...
भगतां रो मान बढाओजी....




था बिन ह फीको, दरबार यो थारो, रंग बरसा भी जाओ...
बरसैलो जद रंग, थे बाबा आओ, झलक दिखला भी जाओ...
बाट उडिका श्याम, बाट उडिका श्याम, आकर म्हान धीर बंधाओ जी...
भगतां रो मान बढाओ जी....




अगवानी म थारा, भगत खड्या ह श्याम, पलकां बिछाय कर...
मनुआर थारी जी, करस्यां म्हें सब मिलकर, देखो थे आय कर...
बांध घुंघरू श्याम, बांध घुंघरू श्याम, 'टीकम' रास रचाओ जी...
भगतां रो मान बढाओ जी...



ल्यो हाथां लगाम, श्याम थे लीलै चढ़ क आओ जी...
ल्यो हाथां लगाम, श्याम थे लीलै चढ़ क आओ जी...
भगतां रो मान बढाओ जी...



!! जय जय मोरवीनंदन, जय जय बाबा श्याम !!
!! काम अधुरो पुरो करज्यो, सब भक्तां को श्याम !!
!! जय जय शीश के दानी, जय जय खाटू धाम !!
!! म्हे आया शरण तिहारी, शरण म अपणे लेलो श्याम !!

भजन : "श्री महाबीर जी"

"कीर्तन की ह रात बाबा आज थाणे आनो ह" के तर्ज़ पर आधारित

Friday 17 December 2010

!! आओ आओ न बाबा जी, म्हारे आंगणे... !!

 



आज श्री खाटूवाला श्यामधणी जी की मार्गशीर्ष की च्यानणी ग्यारस ह... इस पावन पुनित बेला म सब भक्तां हिल-मिल  श्याम बाबा जी री ग्यारस की रात ने कीर्तन करता हुआ, बाबा जी रो आह्वाहन बहुत ही प्रेम भाव सु इस प्रकार कर रहया ह... आओ आपां भी माता मोरवी रा लाल श्री श्यामधणी के श्री चरणा म प्रेमभाव स्वरूपी ये भावसुमन अर्पित करां...
  

चंदन चोक पुरावा, मंगल कलश सजावां...
आओ आओ न बाबा जी, म्हारे आंगणे...
 चंदन चोक पुरावा, मंगल कलश सजावां...
आओ आओ न बाबा जी, म्हारे आंगणे...



थारे मंदिरिये म नित आवां, आके थारी म्हे ज्योत जगावां...
कंचन थाल सजावां, चुरमो भोग लगावां...
कंचन थाल सजावां, चुरमो भोग लगावां...
आओ आओ न बाबा जी, म्हारे आंगणे... 



बाबा थारे तो दरस का म्हे प्यासा,  पूरी कर दयो न थे मन री आशा...
आज थाणे रिझावां, थाणे भजन सुणावां...
आज थाणे रिझावां, थाणे भजन सुणावां...
आओ आओ न बाबा जी, म्हारे आंगणे... 



बाबा लीले पे चढ़के थे आओ, म्हारे मनरे म भक्ति जगावो...
थारे चरणां में आवां, आ के धोक लगावां...
थारे चरणां में आवां, आ के धोक लगावां...
आओ आओ न बाबा जी, म्हारे आंगणे...



बाबा 'कांशीराम' तो टाबर ह थारो, म्हारा अटक्योड़ा कारज सारो...
ग्यारस रात जगावां, हिल मिल थाणे ही ध्यावां...
ग्यारस रात जगावां, हिल मिल थाणे ही ध्यावां...
आओ आओ न बाबा जी, म्हारे आंगणे... 



चंदन चोक पुरावा, मंगल कलश सजावां...
आओ आओ न बाबा जी, म्हारे आंगणे...
ग्यारस रात जगावां, हिल मिल थाणे ही ध्यावां...
आओ आओ न बाबा जी, म्हारे आंगणे... 



!! जय जय  मोरवीलाल बाबा श्यामधणी की !!
!! जय जय लीले रा असवार  श्यामधणी की !!
!! जय जय शीश के दानी श्री श्यामधणी की !!
!! जय जय हो लखदातार श्री श्यामधणी की !!
!! जय जय तीन बाणधारी श्री श्यामधणी की !!
 भजन : "श्री कांशीराम जी शर्मा"

Thursday 16 December 2010

!! हे खाटू वाले श्याम, तेरी लीला न्यारी है... !!





हे खाटू वाले श्याम, तेरी लीला न्यारी है...
कोई जान नहीं पाया, हम तो संसारी हैं...
हे खाटू वाले श्याम, तेरी लीला न्यारी है...
कोई जान नहीं पाया, हम तो संसारी हैं...

 
 
माया में लिपटे हम, माया की आस करे...
धन सम्पति वैभव में, हम सुख की खोज करे...
पर सच्चा सुख ना मिला, कैसी लाचारी हैं...
हे खाटू वाले श्याम, तेरी लीला न्यारी है...
 

 
तेरे नाम से सुख मिलता, सब वेद बखान करे...
चंचल मन स्थिर ना रहे, प्रभु कैसे ध्यान धरे...
परमेश्वर महर करो, ये पीड़ा भारी है...
हे खाटू वाले श्याम, तेरी लीला न्यारी है...
 


जाए तो किधर जाए, फैला अंधियारा हैं...
सदमार्ग की राह बता, प्रभु तेरा सहारा हैं...
हमें माफ करो बाबा, हम तो अज्ञानी हैं...
हे खाटू वाले श्याम, तेरी लीला न्यारी है...
 

 
मिल जाए दया तेरी, कुछ ऐसा जतन कर दो...
गुणगान करू तेरा, भजनों में मगन कर दो...
'नंदू' शरणागत ने, ये झोली पसारी हैं...
हे खाटू वाले श्याम, तेरी लीला न्यारी है...
 


हे खाटू वाले श्याम, तेरी लीला न्यारी है...
कोई जान नहीं पाया, हम तो संसारी हैं...
हे खाटू वाले श्याम, तेरी लीला न्यारी है...
कोई जान नहीं पाया, हम तो संसारी हैं...



!! जय जय मोरवीनंदन, जय जय बाबा श्याम !!
!! काम अधुरो पुरो करज्यो, सब भक्तां को श्याम !!
!! जय जय शीश के दानी, जय जय खाटू धाम !!
!! म्हे आया शरण तिहारी, शरण म अपणे लेलो श्याम !!

भजन : "श्रद्धेय श्री नंदू जी"

श्री श्याम प्रभु खाटूवाले का यह अनुपम श्री विग्रह "श्री साईं दर्शन मंदिर, मलाड (मुंबई)" में विराजित है...



Tuesday 14 December 2010

!! छम छम करतो बेगो आ, श्यामधणी न सागे ला...!!



श्री मोरवीनंदन श्याम बिहारी की असवारी लीला घोड़ा है... और ऐसा सभी जानते है, कि वो तो बाबा को परम प्रिय है, और सदा उनके पास रहता है...उस लीले घोड़े पे असवार होकर ही श्यामधणी अपने भक्तो के पास आते है... तो आइये चलिए, आज हम सब अरज लीला घोड़े से करते है, कि वो बाबा को बेगा सा अपने भक्तो से मिलवाए...





लीला रे म्हाने श्याम सूं मिला दे, लीला रे म्हाने श्याम सूं मिला दे...
छम छम करतो बेगो आ, श्यामधणी न सागे ला...
छम छम करतो बेगो आ, श्यामधणी न सागे ला...



तू तो ह बाबा की सवारी, तेरे बिन हाले न बिहारी...
ओ अरजी म्हारी लेतो जा, श्यामधणी न सागे ला...
छम छम करतो बेगो आ, श्यामधणी न सागे ला...



साँवरिये ने अरज सुना दे, तू भी थोरो जोर लगा दे...
आंखरलयारी री प्यास बुझा, श्यामधणी न सागे ला...
छम छम करतो बेगो आ, श्यामधणी न सागे ला...



तू सेवक बाबा को प्यारो, तेरे बस में श्याम हमारो...
सेवकिया री लाज निभा, श्यामधणी न सागे ला...
छम छम करतो बेगो आ, श्यामधणी न सागे ला...



आशा मन में तेरी भारी, कद आशी महरो श्याम बिहारी...
"नंदू" वादों करतो जा, श्यामधणी न बेगो ला...
छम छम करतो बेगो आ, श्यामधणी न सागे ला...



लीला रे म्हाने श्याम सुन मिला दे, लीला रे म्हाने श्याम सुन मिला दे...
छम छम करतो बेगो आ, श्यामधणी न सागे ला...
छम छम करतो बेगो आ, श्यामधणी न सागे ला... 



  !! खाटू नरेश के जय !!
   !! शीश के दानी की जय !!
       !! मोरवी नंदन श्री श्यामबिहारी की जय !!

 भाव के रचियता : "श्री नंदू जी"

!! सांवरो बैठ्यो ह, म्हारो सज-धज क... !!



यो बंसत रो मौसम बहुत ही सुहावनो ह,  और म्हारा रंग रंगीला साँवरा सलोना श्यामधणी खाटू धाम म सज धज बैठ्या आप रे भगतां न खूब सोहना सोहना दर्शन दे रहया ह... चालो आपां सगला हिल-मिल बाबा जी रा द्वार चाला... 




यो मौसम रंगरंगीलो आयो, चालो मिल क...
सांवरो बैठ्यो ह, म्हारो सज-धज क...
बेगा चालो  देर करो न, आं स मिल न...
सांवरो बैठ्यो ह, म्हारो सज-धज क...



बाबा रो दरबार सज्यो ह, स्वर्गा स न्यारो...
सिंहांसन बैठ्यो मुलका को, लागे है प्यारो...
मत न देर लगाओ अब थे, चालो झट स...
सांवरो बैठ्यो ह, म्हारो सज धज क...



सगला मिल क चंग बजावे, मस्ती म स झूम...
अब तो म्हे कईया रहवा, यो सांवरिया स दूर..
सगला मिल क चालो ईब तो, गाडो भर क...
सांवरो बैठ्यो ह, म्हारो सज धज क...



सातो ही सुख मिलसी थाने, बाबा जी रा द्वार प...
खुशियाँ बरसे रंग उड़े ह, म्हारा लखदातार क..
हिल-मिल खाटू चाल पड़ो अब, हँस हँस क...
सांवरो बैठ्यो ह, म्हारो सज-धज क...



यो मौसम रंग रंगीलो आयो, चालो हिल-मिल क...
सांवरो बैठ्यो ह, म्हारो सज-धज क...
बेगा चलो, देर करो न आंसे मिल न...
सांवरो बैठ्यो ह, म्हारो सज-धज क...




!! जय जय मोरवीनंदन, जय जय बाबा श्याम !!
!! काम अधुरो पुरो करज्यो, सब भक्तां को श्याम !!
!! जय जय शीश के दानी, जय जय खाटू धाम !!
!! म्हे आया शरण तिहारी, शरण म अपणे लेलो श्याम !!
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