यो बंसत रो मौसम बहुत ही सुहावनो ह, और म्हारा रंग रंगीला साँवरा सलोना श्यामधणी खाटू धाम म सज धज बैठ्या आप रे भगतां न खूब सोहना सोहना दर्शन दे रहया ह... चालो आपां सगला हिल-मिल बाबा जी रा द्वार चाला...
यो मौसम रंगरंगीलो आयो, चालो मिल क...
सांवरो बैठ्यो ह, म्हारो सज-धज क...
बेगा चालो देर करो न, आं स मिल न...
सांवरो बैठ्यो ह, म्हारो सज-धज क...
सांवरो बैठ्यो ह, म्हारो सज-धज क...
बेगा चालो देर करो न, आं स मिल न...
सांवरो बैठ्यो ह, म्हारो सज-धज क...
बाबा रो दरबार सज्यो ह, स्वर्गा स न्यारो...
सिंहांसन बैठ्यो मुलका को, लागे है प्यारो...
मत न देर लगाओ अब थे, चालो झट स...
सांवरो बैठ्यो ह, म्हारो सज धज क...
सिंहांसन बैठ्यो मुलका को, लागे है प्यारो...
मत न देर लगाओ अब थे, चालो झट स...
सांवरो बैठ्यो ह, म्हारो सज धज क...
सगला मिल क चंग बजावे, मस्ती म स झूम...
अब तो म्हे कईया रहवा, यो सांवरिया स दूर..
सगला मिल क चालो ईब तो, गाडो भर क...
सांवरो बैठ्यो ह, म्हारो सज धज क...
अब तो म्हे कईया रहवा, यो सांवरिया स दूर..
सगला मिल क चालो ईब तो, गाडो भर क...
सांवरो बैठ्यो ह, म्हारो सज धज क...
सातो ही सुख मिलसी थाने, बाबा जी रा द्वार प...
खुशियाँ बरसे रंग उड़े ह, म्हारा लखदातार क..
हिल-मिल खाटू चाल पड़ो अब, हँस हँस क...
सांवरो बैठ्यो ह, म्हारो सज-धज क...
खुशियाँ बरसे रंग उड़े ह, म्हारा लखदातार क..
हिल-मिल खाटू चाल पड़ो अब, हँस हँस क...
सांवरो बैठ्यो ह, म्हारो सज-धज क...
यो मौसम रंग रंगीलो आयो, चालो हिल-मिल क...
सांवरो बैठ्यो ह, म्हारो सज-धज क...
बेगा चलो, देर करो न आंसे मिल न...
सांवरो बैठ्यो ह, म्हारो सज-धज क...
!! जय जय मोरवीनंदन, जय जय बाबा श्याम !!
!! काम अधुरो पुरो करज्यो, सब भक्तां को श्याम !!
!! जय जय शीश के दानी, जय जय खाटू धाम !!
!! म्हे आया शरण तिहारी, शरण म अपणे लेलो श्याम !!
आपकी इस सुन्दर रचना की चर्चा
ReplyDeleteबुधवार के चर्चामंच पर भी लगाई है!
श्री रूपचंद्र जी शास्त्री का में आपका हृदय से साधुवाद करता हूँ... जिन्होंने सभी प्रभु प्रेमियों को श्री श्यामधणी खाटूवाले के दरबार के दर्शन इस चर्चामंच के माध्यम से कराया... श्री श्यामधणी आप सभी प्रभु प्रेमियो पर अपनी अनुकम्पा बनाये रखे, ऐसी मेरी कामना है...
ReplyDelete!! जय श्री श्याम !!