श्री श्याम नाम की ज्योति जगाले, जो चाहे सो पायेगा...
संकट कटे मिटे सब पीड़ा, भव से तूं तर जायेगा...
संकट कटे मिटे सब पीड़ा, भव से तूं तर जायेगा...
राम-श्याम घनश्याम नाम की, महिमा जिसने गाई है...
प्रभु ने भी आकर उसकी, नैया पार लगाई है...
केवट है यह मझधारों का, दौड़ा-दौड़ा आयेगा...
संकट कटे मिटे सब पीड़ा,भव से तूं तर जायेगा...
गज, अजामिल, गणिका, तर गये, तर गया नंदा नाई था...
सबरी ने भी दर्शन पाया, तर गया सदना कसाई था...
धन्ना भगत का खेत पटाया, बगिया तेरी लहारायेगा...
संकट कटे मिटे सब पीड़ा, भव से तूं तर जायेगा...
श्याम नाम का रंग चढाले, बन जा तूं भी दीवाना...
सूर-सुदामा मीरा नरसी सा, तूं बन जा परवाना...
जगे श्याम की ज्योति मन में, ज्योति में मिल जायेगा...
संकट कटे मिटे सब पीड़ा, भव से तूं तर जायेगा...
श्याम बहादुर मात्रदत्त और आलूसिंह जी बतलाये...
काशीराम भी अलख जगाये, ओंकार श्याम का गुण गाये...
'टीकम' मिले खजाना तुमको, बाँट-बाँट सुख पायेगा...
संकट कटे मिटे सब पीड़ा, भव से तूं तर जायेगा...
!! भव से वो तर जायेगा, जो श्याम नाम गुण गायेगा !!
!! श्याम नाम गुण गायेगा, स्नेह श्याम प्रभु का पायेगा !!
!! जय जय मोरवीनंदन, जय जय श्यामसुन्दर घनश्याम !!
भजन : "श्री महाबीर जी"
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थे भी एक बार श्याम बाबा जी रो जयकारो प्रेम सुं लगाओ...
!! श्यामधणी सरकार की जय !!
!! शीश के दानी की जय !!
!! खाटू नरेश की जय !!
!! लखदातार की जय !!
!! हारे के सहारे की जय !!
!! लीले के असवार की जय !!
!! श्री मोरवीनंदन श्यामजी की जय !!