अपणा सगला भगतां री पत राखन हालो, निज भगतां पे गहरी महर लुटावन हालो, माता मोरवी रो लाल खाटू हालो श्यामधणी जी री बात ही सबस्यूं निराली ह... साँचो साँचो म्हारा धणी रो नाम ह और साँचो साँचो ही म्हारा बाबा जी रो खाटूधाम ह...
खाटू हालो सांवरियों, भगतां की पत राखनियो...
यो साँचो देव कुहावे ह, श्यामधणी...
यो साँचो देव कुहावे ह, श्यामधणी...
यो साँचो देव कुहावे ह, श्यामधणी...
यो साँचो देव कुहावे ह, श्यामधणी...
खाटू हाले श्यामधणी की, सारे जग में चरचा ह...
हाथ्यू हाथ मिले भगतां न, श्यामधणी का परचा ह...
जो भी हाथ पसारे ह, वां पे खुशियाँ वारे ह...
यो गहरी महर लुटावे ह, श्यामधणी...
यो साँचो देव कुहावे ह, श्यामधणी...
खाटू हालो श्याम धणी तो, सब का संकट काटे ह...
बिगड़ी बात बनावे सबकी, कोई न नहीं नाटे ह...
जो भी अरज लगावे ह, मन कि मुरादां पावे ह...
यो सबकी आस पुरावे ह, श्यामधणी...
यो साँचो देव कुहावे ह, श्यामधणी...
खाटू हाले श्यामधणी न, जो भी एक बार ध्यायो ह...
'रवि' कहे वो जीवन माँहि, कभी नहीं दुःख पायो ह...
जैसी भक्ति ल्यावोगा, वैसो ही फल पावोगा...
यो साँचो न्याय चुकावे ह, श्याम धणी...
यो साँचो देव कुहावे ह, श्यामधणी...
खाटू हालो सांवरियों, भगतां की पत राखनियो...
यो साँचो देव कुहावे ह, श्यामधणी...
यो साँचो देव कुहावे ह, श्यामधणी...
!! जय जय मोरवीलाल बाबा श्यामधणी की !!
!! जय जय लीले रा असवार श्यामधणी की !!
!! जय जय शीश के दानी श्री श्यामधणी की !!
!! जय जय हो लखदातार श्री श्यामधणी की !!
!! जय जय तीन बाणधारी श्री श्यामधणी की !!
!! जय जय लीले रा असवार श्यामधणी की !!
!! जय जय शीश के दानी श्री श्यामधणी की !!
!! जय जय हो लखदातार श्री श्यामधणी की !!
!! जय जय तीन बाणधारी श्री श्यामधणी की !!
भजन : "श्री रवि जी"
bahut hi badiya..
ReplyDeleteआपकी यह सशक्त और सुन्दर रचना
ReplyDeleteआज के चर्चा मंच पर सुशोभित की गई है!
http://charchamanch.uchcharan.com/2010/12/375.html
जय श्री श्याम
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