भक्तशिरोमणि, श्यामलीन श्री आलूसिंह जी महाराज सैदव यही कहा करते थे, कि "खाटूपति श्री श्यामधणी को साँचो यो दरबार ह, जो कोई भी श्याम न भज ले वांको बेड़ो पार है..."
मेरे श्यामधणी का द्वारा, है सच्चा दरबार...
मेरे श्यामधणी का द्वारा, है सच्चा दरबार...
बाबा बाबा बोलिए, होगा बेड़ा पार...
बाबा बाबा बोलिए, होगा बेड़ा पार...
गम के बादल घिर जाये तो दर पे शीश झुका देना...
श्रद्धा सुमन चढ़ा के दर पे, अपनी अरजी सुना देना...
तेरी अरजी पर ओ बंदे, निश्चय ही होगा विचार...
बाबा बाबा बोलिए, होगा बेड़ा पार...
बाबा बाबा बोलिए, होगा बेड़ा पार...
इस दुनिया में डोल डोल के, कब तक युक्ति लगायेगा...
आखिर एक दिन लौट के तू तो, श्याम शरण में आएगा...
फिर क्यूँ न अभी से ओ बंदे, तू बदल रहा व्यवहार...
बाबा बाबा बोलिए, होगा बेड़ा पार...
बाबा बाबा बोलिए, होगा बेड़ा पार...
साँसों के तारों का नाता, जिसने श्याम से जोड़ लिया...
सुन लो भक्तो ये सच है, बाबा ने उसे मुंह माँगा दिया..
ये देव बड़ा दातरी, जाने सारा संसार...
बाबा बाबा बोलिए, होगा बेड़ा पार...
बाबा बाबा बोलिए, होगा बेड़ा पार...
मेरे श्यामधणी का द्वारा, है सच्चा दरबार...
मेरे श्यामधणी का द्वारा, है सच्चा दरबार...
बाबा बाबा बोलिए, होगा बेड़ा पार...
बाबा बाबा बोलिए, होगा बेड़ा पार...
!! जय जय मोरवीनंदन, जय जय बाबा श्याम !!
!! काम अधुरो पुरो करज्यो, सब भक्तां को श्याम !!
!! जय जय लखदातारी, जय जय श्याम बिहारी !!
!! जय कलयुग भवभय हारी, जय भक्तन हितकारी !!
!! जय जय लखदातारी, जय जय श्याम बिहारी !!
!! जय कलयुग भवभय हारी, जय भक्तन हितकारी !!
भाव के रचियता : "अज्ञात"
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थे भी एक बार श्याम बाबा जी रो जयकारो प्रेम सुं लगाओ...
!! श्यामधणी सरकार की जय !!
!! शीश के दानी की जय !!
!! खाटू नरेश की जय !!
!! लखदातार की जय !!
!! हारे के सहारे की जय !!
!! लीले के असवार की जय !!
!! श्री मोरवीनंदन श्यामजी की जय !!