श्री श्यामधणी की ज्योत की महिमा बहुत ही निराली है... सभी श्री श्याम भक्त अपने अपने इष्ट मित्रों के संग प्रत्येक मास की च्यानणी ग्यारस को खाटूवाले श्री श्यामधणी की ज्योत जगाकर बारस को धोक लगाते है... आज श्री श्याम धणी की पौष शुक्ल की एकादशी है, आज हमने भी बाबा श्याम की ज्योत प्रेम से जगाई है, एवं श्री श्याम बाबा से अरदास लगाई है, कि...
ज्योत जगाई थारी प्रेम सु जी बाबा...
ज्योत जगाई थारी प्रेम सु जी बाबा...
भगतां रै मन उछाव राज, बेगा पधारो जी...
कैं विध करां थारी बंदगी जी बाबा...
कैं विध करां थारी बंदगी जी बाबा...
कैं विध करां मनुहार राज, बेगा पधारो जी...
चौक पुरायो नयना नीर सै जी बाबा...
चौक पुरायो नयना नीर सै जी बाबा...
मन आसन बन आयो राज, बेगा पधारो जी...
खाटू म थारो देवरो जी बाबा...
मन आसन बन आयो राज, बेगा पधारो जी...
खाटू म थारो देवरो जी बाबा...
खाटू म थारो देवरो जी बाबा...
लीले रा असवार राज, बेगा पधारो जी...
भजन भाव की भेंट है जी बाबा...
लीले रा असवार राज, बेगा पधारो जी...
भजन भाव की भेंट है जी बाबा...
भजन भाव की भेंट है जी बाबा...
थारो दियोड़ो वरदान राज, बेगा पधारो जी...
रुत मिलण की साकड़ी जी बाबा...
थारो दियोड़ो वरदान राज, बेगा पधारो जी...
रुत मिलण की साकड़ी जी बाबा...
रुत मिलण की साकड़ी जी बाबा...
'नंदू' ह विश्वास राज, बेगा पधारो जी...
ज्योत जगाई थारी प्रेम सु जी बाबा...
'नंदू' ह विश्वास राज, बेगा पधारो जी...
ज्योत जगाई थारी प्रेम सु जी बाबा...
ज्योत जगाई थारी प्रेम सु जी बाबा...
भगतां रै मन उछाव राज, बेगा पधारो जी...
भगतां रै मन उछाव राज, बेगा पधारो जी...
!! खाटू नरेश की जय !!
!! तीन बाणधारी की जय !!
!! श्री श्याम बाबा की जय !!
!! लीले के असवार की जय !!
!! साँवरा मोटा धणी की जय !!
!! मोरवीनंदन श्यामबिहारी की जय !!
!! साँवरा मोटा धणी की जय !!
!! मोरवीनंदन श्यामबिहारी की जय !!
इस अतिसुन्दर भाव के रचियता "श्री नंदू जी" है... यह भाव राजस्थानी लोक गीत "लहैरीयो" के तर्ज़ पर आधारित है...
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थे भी एक बार श्याम बाबा जी रो जयकारो प्रेम सुं लगाओ...
!! श्यामधणी सरकार की जय !!
!! शीश के दानी की जय !!
!! खाटू नरेश की जय !!
!! लखदातार की जय !!
!! हारे के सहारे की जय !!
!! लीले के असवार की जय !!
!! श्री मोरवीनंदन श्यामजी की जय !!