/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\!! श्री गणेशाय नमः !!/\/\/\/\/\!! ૐ श्री श्याम देवाय नमः !!\/\/\/\/\!! श्री हनुमते नमः !!/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\

Sunday 12 June 2011

!! मन म हरियाली छाई, भगतां अरदास लगाई... !!


आज श्री श्यामधणी जी री ज्येष्ठ मास की पावन च्यानणी ग्यारस की बेला है... हर्षित मन सुं, सब भगतां मिल बाबा जी री ज्योत जगाई ह... और सारा भगतां, आंगणिये म झांझ-मजीरा, ताल मृदंग की मधुर तान क साथ श्री श्यामधणी स, हुलस हुलस क यु अरदास लगावे ह...



 ग्यारस  च्यानण की आई, भगतां मिल ज्योत जगाई...
झांझ-मजीरा बाजै आंगणे, ओ बाबा! झांझ-मजीरा बाजै आंगणे...
मन म हरियाली छाई, भगतां अरदास लगाई...
झांझ-मजीरा बाजै आंगणे, ओ बाबा! झांझ-मजीरा बाजै आंगणे...



ग्यारस  च्यानण की आई, भगतां मिल ज्योत जगाई...
झांझ-मजीरा बाजै आंगणे, ओ बाबा! झांझ-मजीरा बाजै आंगणे...



चमचम चमकातो बागो, कानां म कुण्डल ओ, कानां म कुण्डल ओ...
हिवड़ो हुलसायो म्हारो, भला पधारयां ओ, भला पधारयां ओ...
हीरो भलकै माथे म, अंतर गमकै बागे म..
फूलडा  बरसे छे म्हारै आंगणे, ओ बाबा! फूलडा  बरसे छे म्हारै आंगणे...



ग्यारस  च्यानण की आई, भगतां मिल ज्योत जगाई...
झांझ-मजीरा बाजै आंगणे, ओ बाबा! झांझ-मजीरा बाजै आंगणे...



गंगा जल झारी थारां, चरण पखारां ओ, चरण पखारां ओ...
ऊँच सिंहासन बैठो, आरती उतारां ओ, आरती उतारां ओ...
भजन सुनावां थाणे, गाकर रीझावां थाणे...
अमृत बरसे छे म्हारै आंगणे, ओ बाबा! अमृत बरसे छे म्हारै आंगणे...



ग्यारस  च्यानण की आई, भगतां मिल ज्योत जगाई...
झांझ-मजीरा बाजै आंगणे, ओ बाबा! झांझ-मजीरा बाजै आंगणे...



जो थाणे भावे बाबा, भोग लगावां ओ,  भोग लगावां ओ...
रुच-रुच जीमो प्रभुजी, पड़दो लगावां ओ, पड़दो लगावां ओ...
थारो मूलकातो मुखड़ो, चंदा सुं लागे उजलो...
कीर्तन म  देख्यों थाणे आंगणे,  ओ बाबा! कीर्तन म देख्यों थाणे आंगणे...



ग्यारस  च्यानण की आई, भगतां मिल ज्योत जगाई...
झांझ-मजीरा बाजै आंगणे, ओ बाबा! झांझ-मजीरा बाजै आंगणे...



बिडलो दबाओ मुख म, अंतर कानां म ओ, अन्तर कानां म ओ...
थारे लीले के पावां, बिछिया बाजणियां ओ, बिछिया बाजणियां ओ...
करस्यां पहरावणी थारी, आशा पुरैली म्हारी...
चरण दबास्याँ म्हारै आंगणे, ओ बाबा! चरण दबास्याँ म्हारै आंगणे...



ग्यारस  च्यानण की आई, भगतां मिल ज्योत जगाई...
झांझ-मजीरा बाजै आंगणे, ओ बाबा! झांझ-मजीरा बाजै आंगणे...



लगन निभाज्यो प्रभुजी, प्रेम बढ़ाज्यो ओ, प्रेम बढ़ाज्यो ओ...
या  म्हारी मिनखा जुणी, सफल बणाज्यो ओ, सफल बणाज्यो ओ...
'मोती' चरणा रो चाकर, जनम सुधारों आकर...
भल-भल पधारयां म्हारै आंगणे, ओ बाबा!  भल-भल पधारयां म्हारै आंगणे...



ग्यारस  च्यानण की आई, भगतां मिल ज्योत जगाई...
झांझ-मजीरा बाजै आंगणे, ओ बाबा! झांझ-मजीरा बाजै आंगणे...
मन म हरियाली छाई, भगतां अरदास लगाई...
झांझ-मजीरा बाजै आंगणे, ओ बाबा! झांझ-मजीरा बाजै आंगणे...



आप सभी इस सुमधुर भाव को नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर सुन भी सकते है...




!! जय जय मोरवीनंदन, जय जय बाबा श्याम !!
!! काम अधुरो पुरो करज्यो, सब भक्तां को श्याम !!
!! जय जय लखदातारी, जय जय श्याम बिहारी !!
!! जय कलयुग भवभय हारी, जय भक्तन हितकारी !!


भाव के रचियता :  "श्री मोतीलाल जी ढंड"

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थे भी एक बार श्याम बाबा जी रो जयकारो प्रेम सुं लगाओ...

!! श्यामधणी सरकार की जय !!
!! शीश के दानी की जय !!
!! खाटू नरेश की जय !!
!! लखदातार की जय !!
!! हारे के सहारे की जय !!
!! लीले के असवार की जय !!
!! श्री मोरवीनंदन श्यामजी की जय !!

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