चालो जी चालो ओ श्याम प्रेमियों, बाबा श्याम जी रा खाटू के दरबार, जठे विराजे ह श्री श्यामधणी और लुटावे ह निज भगतां पर अपणी महर घणी...
चालो खाटू म मिलेगो बाबो श्याम धणी...
चालो खाटू म मिलेगो बाबो श्याम धणी...
ओ हो चालो खाटू म...
सुन्दर बागों सज्यो श्याम क, स्वर्ण मुकुट सिरधारी जी...
सुन्दर बागों सज्यो श्याम क, स्वर्ण मुकुट सिरधारी जी...
भगतां रा हिवड़े मांहि बासगी, हीरे री कणी...
ओ हो चालो खाटू म...
बैठ सिंहासन न्याय चुकावे, कलयुग को अवतारी जी...
बैठ सिंहासन न्याय चुकावे, कलयुग को अवतारी जी...
दीन दुखी की भीड़ जुड़े, नित द्वारे पर घणी...
ओ हो चालो खाटू म...
देर करे नहीं श्याम हमारो, तुरंत भगत की पीड़ हरे...
देर करे नहीं श्याम हमारो, तुरंत भगत की पीड़ हरे...
श्याम की सेवा म कर अर्पण, जिंदगानी अपणी...
ओ हो चालो खाटू म...
एक-एक तेरे घट की जाणे, तीन बाण को धारी जी...
एक-एक तेरे घट की जाणे, तीन बाण को धारी जी...
अपणे भगत की लाज श्याम ने, आवे रखणी...
ओ हो चालो खाटू म...
दर्शन करले झोली भरले, जो चाहे सो पा ले रे...
दर्शन करले झोली भरले, जो चाहे सो पा ले रे...
"श्यामसुन्दर" यो दानवीर, महाभारत को रणी...
ओ हो चलो खाटू म...
चालो खाटू म मिलेगो बाबो श्याम धणी...
चालो खाटू म मिलेगो बाबो श्याम धणी...
ओ हो चालो खाटू म...
!! जय जय मोरवीनंदन, जय जय बाबा श्याम !!
!! काम अधुरो पुरो करज्यो, सब भक्तां को श्याम !!
!! जय जय लखदातारी, जय जय श्याम बिहारी !!
!! जय कलयुग भवभय हारी, जय भक्तन हितकारी !!
भजन : "श्री श्यामसुन्दर जी"
श्री श्याम बाबा जी को समर्पित यह अनुपम भाव राजस्थानी लोकगीत "धमाल" के तर्ज़ पर आधारित है...
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थे भी एक बार श्याम बाबा जी रो जयकारो प्रेम सुं लगाओ...
!! श्यामधणी सरकार की जय !!
!! शीश के दानी की जय !!
!! खाटू नरेश की जय !!
!! लखदातार की जय !!
!! हारे के सहारे की जय !!
!! लीले के असवार की जय !!
!! श्री मोरवीनंदन श्यामजी की जय !!