हे! निज प्रेमियों के प्रेमाधार हारे के सहारे श्री श्यामधणी, आपकी इस सुन्दर छवि को अपने ह्रदय में धारण करते हुये, आपके प्रेमीजन आपसे यु अपने ह्रदय की भावनाओ की अभिव्यक्ति करते है...
दिल पर तेरी ओ बाबा, तस्वीर बना ली है...
दिल पर तेरी ओ बाबा, तस्वीर बना ली है...
गुलशन है ये तुम्हारा, इसका तू ही माली है...
गुलशन है ये तुम्हारा, इसका तू ही माली है...
तस्वीर बना ली है...
मालिक मकान तू है, मेरा जहान तू है...
कहकर क्या मैं पुकारू, प्राणों का प्राण तू है...
तू ही मेरा दशहरा, और तू ही दिवाली है...
तू ही मेरा दशहरा, और तू ही दिवाली है...
तस्वीर बना ली है...
धड़कन ही बोलती है, अन्तः टटोलती है..
भावो की बात अपने, भावो से तोलती है..
कहता नहीं जुबान से, ऐसा ये सवाली है...
कहता नहीं जुबान से, ऐसा ये सवाली है...
तस्वीर बना ली है...
तुझे श्याम सब पता है, जग से क्या वास्ता है...
संसार के रचैया, सेवक की क्या खता है...
'शिव' श्यामबहादुर ने, हस्ती ही मिटा ली है...
'शिव' श्यामबहादुर ने, हस्ती ही मिटा ली है...
तस्वीर बना ली है...
दिल पर तेरी ओ बाबा, तस्वीर बना ली है...
दिल पर तेरी ओ बाबा, तस्वीर बना ली है...
गुलशन है ये तुम्हारा, इसका तू ही माली है...
गुलशन है ये तुम्हारा, इसका तू ही माली है...
तस्वीर बना ली है...
!! जय जय मोरवीनंदन, जय जय बाबा श्याम !!
!! काम अधुरो पुरो करज्यो, सब भक्तां को श्याम !!
!! जय जय लखदातारी, जय जय श्याम बिहारी !!
!! जय कलयुग भवभय हारी, जय भक्तन हितकारी !!
भजन : "श्री शिवचरण जी अग्रवाल"
श्री श्याम बाबा की यह अनुपम छवि सुश्री शिप्रा बंसल जी के निज निवास की है...
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थे भी एक बार श्याम बाबा जी रो जयकारो प्रेम सुं लगाओ...
!! श्यामधणी सरकार की जय !!
!! शीश के दानी की जय !!
!! खाटू नरेश की जय !!
!! लखदातार की जय !!
!! हारे के सहारे की जय !!
!! लीले के असवार की जय !!
!! श्री मोरवीनंदन श्यामजी की जय !!