हे इष्टदेव, कुलदेव श्री श्यामधणी, थारे द्वारे पर खड्या थारा टाबरिया थां सु आ अरज करे ह कि...
धन्य ढूंढा रो देश ह, खाटू नगर सुजान !
अनुपम छवि श्री श्याम की, दर्शन से कल्याण !!
मोरछड़ी थारे हाथां म, हीरो चमके माथा म...
मोरछड़ी थारे हाथां म, हीरो चमके माथा म...
थारे गल फुल्याँ को हार, बाबा श्यामधणी...
थारे गल फुल्याँ को हार, बाबा श्यामधणी...
नाम सुन्यो ह जद से थारो, नींदड़ली नहीं आँख्या म...
बड़ी दूर स चल कर आया, दयो दर्शन थारा भगतां ने...
आँसू भरया म्हारी आँख्या म, नैया ह भवसागर म...
म्हारी नैया पार लगाय, बाबा श्यामधणी...
एक सहारो तेरो बाबा, म्हाने क्यूँ तरसावे ह...
कब से तेरी टेर लगावां, क्यूँ ण दरस दिखावे ह...
गले लगा तेरा ताबर ने, तेरे चरण के चाकर ने..
अब सुनले लखदातार, बाबा श्यामधणी...
म्हे तो सुनी हां बाबा थारी, महिमा अपरम्पार घणी...
क्यूँ तरसाओ बाबा जी, थारे टाबरिया ने आस घणी...
गुण गावां दिन रातां ने, भूल गया सब कामां ने...
अब नैया पार लगाओ, बाबा श्यामधणी...
'कांशीराम' कहे श्यामबिहारी, सब भगतां की टेर सुनो...
सब भगतां के संग म बाबा, म्हारे सिर पर हाथ धरो...
भजन सुनाऊ मैं थाणे, दर्शन दे दयो अब म्हाने...
थारी भक्ति दे दातार, बाबा श्यामधणी...
मोरछड़ी थारे हाथां म, हीरो चमके माथा म...
मोरछड़ी थारे हाथां म, हीरो चमके माथा म...
थारे गल फुल्याँ को हार, बाबा श्यामधणी...
थारे गल फुल्याँ को हार, बाबा श्यामधणी...
आप सभी इस सुमधुर भाव को नीचे दिए गए लिंक पर क्लीक कर सुन भी सकते है...
!! जय जय मोरवीनंदन, जय जय बाबा श्याम !!
!! काम अधुरो पुरो करज्यो, सब भक्तां को श्याम !!
!! जय जय लखदातारी, जय जय श्याम बिहारी !!
!! जय कलयुग भवभय हारी, जय भक्तन हितकारी !!
भाव के रचियता : श्यामलीन भक्तप्रवर "श्री कांशीराम जी शर्मा"
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थे भी एक बार श्याम बाबा जी रो जयकारो प्रेम सुं लगाओ...
!! श्यामधणी सरकार की जय !!
!! शीश के दानी की जय !!
!! खाटू नरेश की जय !!
!! लखदातार की जय !!
!! हारे के सहारे की जय !!
!! लीले के असवार की जय !!
!! श्री मोरवीनंदन श्यामजी की जय !!