/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\!! श्री गणेशाय नमः !!/\/\/\/\/\!! ૐ श्री श्याम देवाय नमः !!\/\/\/\/\!! श्री हनुमते नमः !!/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\

Sunday 6 November 2011

!! माता मोरवी के जन्मयो लालो आज, बधाई घणी बाँट रही... !!




कार्तिक सुदी ग्यारस की वह पवित्र बेला कितनी पावन और पूनित है, जिस पावन बेला  में पाण्डव कुलभूषण श्री भीमसेन के पुत्र महाबली घटोत्कच एवं रानी कामकटंककटा(मोरवी) को पुत्र को बालसूर्य के समान एक पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई है... आज इस पूनित दिन के सूर्य की किरणों में  तेज़ नहीं है, क्योकि ऐसा प्रतीत होता है, सूर्य की किरणों का वह सारा तेज़ मोरवी के लाल के मुखमंडल ने धारण कर लिया है... समस्त हिड्म्ब वन आनंदित हो गया है, मंद मंद सुगंध फैलाती हवाये चारो दिशाओ में बह रही है, और उन हवाओ के स्पर्श मात्र से पेड़ो और लतोओ की डालियाँ झूम रही है तो ऐसा प्रतीत होता है... वे भी अपनी अंतरआनंद को  प्रदर्शित कर रही है, उन पेड़ो पर बैठे कोयल, पपीहा आदि  पक्षी सुमधुर स्वरों में कूकते हुए मानो नवजात शिशु का अभिनन्दन कर मंगलाचार गा रहे हो... वनों में मोर नाचने लगे है, उपवनो में पुष्पों की वृष्टि सी होने लगी है... हिड्म्ब वन के समस्त लोगो का मन अति प्रसन्न है... क्योकि आज माता मोरवी ने राज भवन में एक पुत्र को जन्म दिया है...


राज भवन में घनन घना घन नौबात बजने लगे है, ढोल नगारो की प्रतिध्वनि से समस्त वातावरण गुंजायमान हो रहा है... और यह सन्देश दे रहा है कि, बहुरानी मोरवी को कुँवर हो गया है... जब तप करती हुए दादी माँ हिड्म्बा को यह पता चला कि पुत्र घटोत्कच को लाला हुआ है, तो वो अपने पौत्र के कमल मुख को देखने के लिए दौड़ी चली आती है... मात मोरवी राजभवन से उतरकर, लाला को अपनी गोद में सभी को दर्शन करवाने के लिए आती है, एवं महाबली घटोत्कच अपने लाल के बर्बरकार घुंघराले केशो से आच्छादित मुखमंडल को  देख देख हर्षित हो रहे है... और बहुत ही सुन्दर नाम 'बर्बरीक' से अलंकृत किया है... जिन्हें अब हम  श्री खाटू श्याम जी के नाम से पूजते है...




माता मोरवी के जन्मयो लालो आज, बधाई घणी बाँट रही...
माता मोरवी के जन्मयो लालो आज, बधाई घणी बाँट रही...



महलां में खुशियाँ थी छाई, उड़ रहयो रंग गुलाल...
भीड़ घणेरी बढ़ती जाती, देखण राज को लाल...
घुमर घाले कोई नाच रहयो ह आज, बधाई घणी बाँट रही...
माता मोरवी के जन्मयो लालो आज, बधाई घणी बाँट रही...



माता मोरवी के जन्मयो लालो आज, बधाई घणी बाँट रही...
माता मोरवी के जन्मयो लालो आज, बधाई घणी बाँट रही...



पाण्डव कुल को कुंवर लाडलो, सबनै प्यारो लागे....
सबकी ही आंख्याँ को तारों, हर कोई देखण भागे....
हो रहयो सबकै मन में देखण तांई चाव, बधाई घणी बाँट रही...
माता मोरवी के जन्मयो लालो आज, बधाई घणी बाँट रही...



माता मोरवी के जन्मयो लालो आज, बधाई घणी बाँट रही...
माता मोरवी के जन्मयो लालो आज, बधाई घणी बाँट रही...



सबनै सुख देवैगो, दुःखड़ो सबको ही हरैगो...
ई धरती को पाप भार म्हारो लालो ही हरैगो...
होरयो - होरयो सबकै यो ही विश्वास, बधाई घणी बाँट रही...
माता मोरवी के जन्मयो लालो आज, बधाई घणी बाँट रही...



माता मोरवी के जन्मयो लालो आज, बधाई घणी बाँट रही...
माता मोरवी के जन्मयो लालो आज, बधाई घणी बाँट रही...



जन्मयो हो ज्यूँ देव धरा पर, मन में या ही आवे...
'विश्वनाथ' सबकै मन म या ही बात बिठावे...
हर कोई बोल रयो लाले की जय जयकार,  बधाई घणी बाँट रही...
माता मोरवी के जन्मयो लालो आज, बधाई घणी बाँट रही...



माता मोरवी के जन्मयो लालो आज, बधाई घणी बाँट रही...
माता मोरवी के जन्मयो लालो आज, बधाई घणी बाँट रही...





आप सभी इस सुन्दर भजन को यहाँ पर सुन सकते है...


आप सभी श्याम प्रेमी भक्त वृन्द वीर बर्बरीक के दिव्य जीवन चरित्र को नीचे दी गयी लिंक पर क्लीक कर पढ़ भी सकते है...


!! स्कन्दपुराणोक्त वीर बर्बरीक उपाख्यान !! : Skandpuranokt Veer Barbarik Upakhyaan





माता मोरवी, जिन्होंने अपने पुत्र वीर बर्बरीक को 'हारे का सहारा बनना' के बचनों में आबद्ध कर हम सभी को श्री श्याम कृपा प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त किया... ऐसी माता मोरवी के श्री चरणों में शत शत नमन हैं...


 
स्वयं योगेश्वर भगवन श्री कृष्ण एवं भगवती श्री आदिशक्ति माँ जगदम्बा जिनके आराध्य है, उन श्री मोरवीनंदन श्री श्याम जी के श्री चरणों में  में शत शत नमन हैं...



आप सभी श्याम प्रेमियों को मोरवी के लाल बाबा श्याम के जन्मोत्सव की बहुत बहुत बधाइयां...



!! जय हो जय हो मोरवीनंदन श्याम की !!
!! जय हो जय हो तीन बाणधारी की !!
!! जय जय पाण्डव कुल भूषण की !!
!! जय हो जय हो लख दातार की !!
!! जय हो जय हो खाटू नरेश की !!
!! जय हो जय हो श्यामधणी की !!

 
भजन : श्री विश्वान्थ वशिष्ठ जी"

1 comment:

थे भी एक बार श्याम बाबा जी रो जयकारो प्रेम सुं लगाओ...

!! श्यामधणी सरकार की जय !!
!! शीश के दानी की जय !!
!! खाटू नरेश की जय !!
!! लखदातार की जय !!
!! हारे के सहारे की जय !!
!! लीले के असवार की जय !!
!! श्री मोरवीनंदन श्यामजी की जय !!

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