आज म्हारा इष्टदेव, कुलदेव श्याम जी की आषाढ़ शुक्लपक्ष की द्वादशी है... और मंदिरिये में बैठ्या बाबा श्याम जी रो अनुपम श्रृंगार ने निरख निरख सगळा भक्तां रो मनरो हुलस हुलस कर बाबा श्याम जी इसप्रकार कहवे ह...
"नुण-राई वारो, जी निजरा उतारो"
"नुण-राई वारो, जी निजरा उतारो"
थाणे परदे में राखां जी बाबा श्याम, नजर लग जावेली...
थाणे परदे में राखां जी बाबा श्याम, नजर लग जावेली...
जिसने थाणे सजाया बाबा, सुन्दर खूब सजाया...
ऊपर से थारे भक्तों ने, केशर चन्दन लगाया...
बुरी नजरां स बचावां थाणे श्याम, नजर लग जवेली...
थाणे परदे में राखां जी बाबा श्याम, नजर लग जावेली...
"नुण-राई वारो, जी निजरा उतारो"
"नुण-राई वारो, जी निजरा उतारो"
बाबा थारो रूप निरालो, भगतां रे मन भावे...
म्हारे घरां ले चालां थाणे, म्हारे मन में आवे...
ओ सारी दुनिया म, घुमास्यां थाणे श्याम, नजर लग जावेली...
थाणे परदे में राखां जी बाबा श्याम, नजर लग जावेली...
"नुण-राई वारो, जी निजरा उतारो"
"नुण-राई वारो, जी निजरा उतारो"
नजरां बचाकर रहिये बाबा, मत ना नैन मिलाज्ये...
'बनवारी' कोई बात करे तो, ज्यादा मत बतलाज्ये...
अपणों जानकार समझावां थाणे श्याम, नजर लग जावेली...
थाणे परदे में राखां जी बाबा श्याम, नजर लग जावेली...
"नुण-राई वारो, जी निजरा उतारो"
"नुण-राई वारो, जी निजरा उतारो"
थाणे परदे में राखां जी बाबा श्याम, नजर लग जावेली...
थाणे परदे में राखां जी बाबा श्याम, नजर लग जावेली...
!! जय जय मोरवीनंदन, जय जय बाबा श्याम !!
!! काम अधुरो पुरो करज्यो, सब भक्तां को श्याम !!
!! जय जय लखदातारी, जय जय श्याम बिहारी !!
!! जय कलयुग भवभय हारी, जय भक्तन हितकारी !!
भजन : "श्री जयशंकर जी"
श्री श्याम बाबा की छवि के ये अनुपम दर्शन श्री श्याम मंदिर, 'श्यामकुञ्ज', दरभंगा के है...
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थे भी एक बार श्याम बाबा जी रो जयकारो प्रेम सुं लगाओ...
!! श्यामधणी सरकार की जय !!
!! शीश के दानी की जय !!
!! खाटू नरेश की जय !!
!! लखदातार की जय !!
!! हारे के सहारे की जय !!
!! लीले के असवार की जय !!
!! श्री मोरवीनंदन श्यामजी की जय !!