श्री वेदव्यास जी द्वारा विरचित स्कन्दपुराण के माहेश्वर खंड के उपखंड कौमारिका खंड में उक्त "वीर बर्बरीक उपाख्यान" महाभारत के उस वीर बर्बरीक के जीवन चरित्र को समर्पित है, जो पाण्डव कुलभूषण महाबली भीमसेन के पुत्र घटोत्कच एवं मूरकन्या मोरवी (कामकटंककटा) के पुत्र थे...एवं जिन्होंने अपनी विमल भक्ति के द्वारा योगेश्वर भगवन श्री कृष्ण से कलयुग में देवरूप में पूजित होने का अमर वरदान प्राप्त किया... और जिन्हें आज हम सभी इस कलियुग में मोरवीनंदन खाटूश्याम जी के नाम से जानते है... !! स्कन्दपुराणोक्त वीर बर्बरीक उपाख्यान !! : Skandpuranokt Veer Barbarik Upakhyaan

श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र" श्री श्याम जी की पूज्य माताश्री "कामकटंकटा" (माता मोरवी) को समर्पित हैं... जिन्होंने एक ऐसे तेजेस्वी, आज्ञाकारी, वीर को जन्म दिया, जिसने शक्ति अराधना कर एवं अपनी विमल भक्ति के द्वारा परमेश्वर श्री कृष्ण से अमर वरदान प्राप्त किया और स्वतंत्र सत्ता प्राप्त देव बने... स्वयं योगेश्वर भगवन श्री कृष्ण एवं भगवती श्री आदिशक्ति माँ जगदम्बा जिनके आराध्य है, उन श्री मोरवीनंदन श्री श्याम जी के श्री चरणों में शत शत नमन हैं...

/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\!! श्री गणेशाय नमः !!/\/\/\/\/\!! ૐ श्री श्याम देवाय नमः !!\/\/\/\/\!! श्री हनुमते नमः !!/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\
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आपको गोवर्धन अथवा अन्नकूट पर्व की हार्दिक मंगल कामनाएं,
ReplyDeleteHii there
ReplyDeleteNice blog
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