हे इष्टदेव, कुलदेव श्यामधणी लखदातार, हे खाटूनाथ, हारे के सहारे...
कुछ ना बोलूँगा, मुँह ना खोलूँगा...
कुछ ना बोलूँगा, मुँह ना खोलूँगा...
समझे तु अंसुवन की भाषा, बस मैं रो लूँगा...
समझे तु अंसुवन की भाषा, बस मैं रो लूँगा...
कुछ ना बोलूँगा, मुँह ना खोलूँगा...
समझे तु अंसुवन की भाषा, बस मैं रो लूँगा...
समझे तु अंसुवन की भाषा, बस मैं रो लूँगा...
बड़ी मनुहार करी, मगर तु ना आया...
हार कर नजराना, मैं आंसू का लाया...
आंसू की ये भेंट मेरी स्वीकार करो बाबा..
चरण तेरे मैं इस धारा से, आज मैं धोऊंगा...
हार कर नजराना, मैं आंसू का लाया...
आंसू की ये भेंट मेरी स्वीकार करो बाबा..
चरण तेरे मैं इस धारा से, आज मैं धोऊंगा...
भगत के आंसू क्या, तुम श्याम सह पायेगा..?
गले से लगाये बिन, क्या तु रह पायेगा..?
समझ सके तो समझ ले मेरी मन पीड़ा बाबा...
मैं तो बस रोकर के अपना दर्द दिखाऊंगा...
गले से लगाये बिन, क्या तु रह पायेगा..?
समझ सके तो समझ ले मेरी मन पीड़ा बाबा...
मैं तो बस रोकर के अपना दर्द दिखाऊंगा...
समझना जो चाहो, तो आँखे पढ़ लेना...
अगर तुम जो चाहो, तो कृपा कर देना...
आँखों में शैलाब लिये, ये 'हर्ष' खड़ा बाबा...
चौखट से इनकार मिला तो, वो भी सह लूँगा...
अगर तुम जो चाहो, तो कृपा कर देना...
आँखों में शैलाब लिये, ये 'हर्ष' खड़ा बाबा...
चौखट से इनकार मिला तो, वो भी सह लूँगा...
बरसती आँखे ये, पुकारे तुझको ही...
मुझे विश्वास है ये, सुनेगा तु मेरी...
बहे तेरी याद में ये, कभी फरियाद में ये..
हार कर रोये कभी, चरण तेरे धोये कभी...
मुझे विश्वास है ये, सुनेगा तु मेरी...
बहे तेरी याद में ये, कभी फरियाद में ये..
हार कर रोये कभी, चरण तेरे धोये कभी...
ये तो बहती जाये, और रुक ना पाये...
श्याम जल्दी आओ, मुझको क्यों तड़पाये...
हार कर आया हूँ, आकर मेरे दुखड़े हरो...
दर्द समझो मेरे, बाबा मुझे प्यार करो...
श्याम जल्दी आओ, मुझको क्यों तड़पाये...
हार कर आया हूँ, आकर मेरे दुखड़े हरो...
दर्द समझो मेरे, बाबा मुझे प्यार करो...
तेरे दर ना देर, ना हीं अँधेर मेरे श्याम...
यही बात मैं सब भक्तो को, आज बताऊंगा...
कुछ ना बोलूँगा, मुँह ना खोलूँगा...
समझे तु अंसुवन की भाषा, बस मैं रो लूँगा...
कुछ ना बोलूँगा, मुँह ना खोलूँगा...
समझे तु अंसुवन की भाषा, बस मैं रो लूँगा...
!! जय जय मोरवीनंदन, जय जय बाबा श्याम !!
!! काम अधुरो पुरो करज्यो, सब भक्तां को श्याम !!
!! जय जय लखदातारी, जय जय श्याम बिहारी !!
!! जय कलयुग भवभय हारी, जय भक्तन हितकारी !!
भजन : "श्री विनोद अग्रवाल जी"
आप सभी इस अनुपम भाव को नीचे दिए गए लिंक पर सुन सकते है...
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थे भी एक बार श्याम बाबा जी रो जयकारो प्रेम सुं लगाओ...
!! श्यामधणी सरकार की जय !!
!! शीश के दानी की जय !!
!! खाटू नरेश की जय !!
!! लखदातार की जय !!
!! हारे के सहारे की जय !!
!! लीले के असवार की जय !!
!! श्री मोरवीनंदन श्यामजी की जय !!