फागण का परम पुनीत महीना आता है, और लाता है अपने साथ सभी श्याम प्रेमियों के लिए ढेर सारी उमंगे... उमंग ऐसी, जिसके वशीभूत हो प्रत्येक श्याम प्रेमी का ह्रदय मचल उठता है, जाने के लिए खाटू धाम की ओर अपने परम आराध्य श्री श्यामधणी से मिलने के लिए... ऐसे में एक श्याम प्रेमी अन्य श्यामप्रेमी से पूर्ण हर्षोल्लास के साथ इस प्रकार अपने ह्रदय के भाव की अभिव्यक्ति करता है...
मनड़ो नाचै रे साथीड़ा, यो तो धूम मचावै रे, मनड़ो नाचै रे...
ज्यूँ-ज्यूँ फागण नेड़ो आवे, शोर मचावै रे, मनड़ो नाचै रे...
ओ हो मनड़ो नाचै रे...
फागण के महीना म जास्यां, खाटू के मेला म रे...
बाबो म्हारो हेलो मारै, सुपणों आवै रे..
ओ हो मनड़ो नाचै रे...
रींगस स जावंगा पैदल, ले निशान हाथां म रे...
झूम-झूम और नाच-नाच कर, भजन सुणास्यां रे.,..
ओ हो मनड़ो नाचै रे...
दरबार लगावै मेला म, भगतां सुं मिलनै बाबो रे...
अरजी लिख्ल्यो दे देवंगा, करै सुणाई रे...
ओ हो मनड़ो नाचै रे...
भगतां का भी दर्शन होशी, दरशन भाग्य जगावै रे...
भेष बदल भगतां म बाबो, 'टीकम' आवै रे...
ओ हो मनड़ो नाचै रे...
मनड़ो नाचै रे साथीड़ा, यो तो धूम मचावै रे, मनड़ो नाचै रे...
ज्यूँ-ज्यूँ फागण नेड़ो आवे, शोर मचावै रे, मनड़ो नाचै रे...
ओ हो मनड़ो नाचै रे...
!! जय जय मोरवीनंदन, जय जय बाबा श्याम !!
!! काम अधुरो पुरो करज्यो, सब भक्तां को श्याम !!
!! जय जय लखदातारी, जय जय श्याम बिहारी !!
!! जय कलयुग भवभय हारी, जय भक्तन हितकारी !!
भजन : "श्री महाबीर जी"
यह भजन राजस्थानी लोकगीत धमाल के तर्ज पर आधारित है...
श्री श्यामबाबा के इस अनुपम छवि के दर्शन "श्री श्याम मंदिर, सेवक रोड, सिलीगुड़ी, पश्चिम बंगाल" के है...
No comments:
Post a Comment
थे भी एक बार श्याम बाबा जी रो जयकारो प्रेम सुं लगाओ...
!! श्यामधणी सरकार की जय !!
!! शीश के दानी की जय !!
!! खाटू नरेश की जय !!
!! लखदातार की जय !!
!! हारे के सहारे की जय !!
!! लीले के असवार की जय !!
!! श्री मोरवीनंदन श्यामजी की जय !!