हे इष्टदेव, कुलदेव म्हारा श्यामधणी, थारे द्वार पे उभा थारा टाबरिया थां सूँ या ही अरज करे ह...
हे खाटू के श्याम प्रभु, मुझे दरस दिखा देना...
मेरी भूल क्षमा करना, मुझे दास बना लेना...
हे खाटू के श्याम प्रभु, मुझे दरस दिखा देना...
मेरी भूल क्षमा करना, मुझे दास बना लेना...
मैं भटक रहा बाबा, दुनिया के अंधेरो में...
फंस गया मैं अब बाबा, पापी और लुटेरो में...
जाऊं तो कहाँ जाऊं, मुझे राह दिखा देना...
मेरी भूल क्षमा करना, मुझे दास बना लेना...
मैं ढूँढू तुझे भगवन, बैठा है क्यूँ छुपकर...
धन दौलत न मांगू, बस मुझे पे दया तू कर...
अब आ भी जाओ बाबा, मेरी बिगड़ी बना देना...
मेरी भूल क्षमा करना, मुझे दास बना लेना...
मैं मूरख अज्ञानी, करुणा के सागर तुम....
मैं बालक हूँ तेरा, और मेरे पालक तुम...
राहो में अँधेरा है, तुम हाथ बढा देना...
मेरी भूल क्षमा करना, मुझे दास बना लेना...
हे खाटू के श्याम प्रभु, मुझे दरस दिखा देना...
मेरी भूल क्षमा करना, मुझे दास बना लेना...
हे खाटू के श्याम प्रभु, मुझे दरस दिखा देना...
मेरी भूल क्षमा करना, मुझे दास बना लेना...
!! जय जय मोरवीनंदन, जय जय बाबा श्याम !!
!! काम अधुरो पुरो करज्यो, सब भक्तां को श्याम !!
!! जय जय लखदातारी, जय जय श्याम बिहारी !!
!! जय कलयुग भवभय हारी, जय भक्तन हितकारी !!
!! जय जय मोरवीनंदन, जय जय बाबा श्याम !!
!! काम अधुरो पुरो करज्यो, सब भक्तां को श्याम !!
!! जय जय लखदातारी, जय जय श्याम बिहारी !!
!! जय कलयुग भवभय हारी, जय भक्तन हितकारी !!