/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\!! श्री गणेशाय नमः !!/\/\/\/\/\!! ૐ श्री श्याम देवाय नमः !!\/\/\/\/\!! श्री हनुमते नमः !!/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\/\

Wednesday 26 January 2011

!! थारी बोले जय जयकार, म्हारा श्यामधणी... !!


ओ म्हारा श्यामधणी, थारा द्वारा पर खड्या थारा टाबरिया थारे सु या अरज करे ह कि....


म्हारे हिवड़े री सुणज्यो पुकार, बाबा श्यामधणी...
थारा गुण गावां बारम्बार, म्हारा श्यामधणी...



भवन बण्यो थारो सोवणों, भगतां को मन मोवणों...
थारे बजे नगाड़ा द्वार, म्हारा श्यामधणी...



फाल्गुण सुदी ग्यारस ने, भगतां आवे थारे कने...
कोई देखण योग बहार, म्हारा श्यामधणी...



खाटू वाला श्याम जी, टाबरिया न मत भुलज्यो जी...
म्हाने थारो ही आधार, म्हारा श्यामधणी...



थारी म्हाने आस घणी,  सुणज्यो बाबा श्यामधणी...
थाणे ध्यावे यो संसार, म्हारा श्यामधणी...



करे कोई जो ध्यावना, पूरो मन की कामना...
थे तो करुणा रा भण्डार, म्हारा श्यामधणी...



बाबा थे ही मन की जाणो, थारे सु कांई छाणों...
थारी महिमा ह अपरम्पार, म्हारा श्यामधणी...



दास जान कृपा करज्यो, भगतां ने थे दर्शन दीज्यो...
गावे 'ताराचंद' हर बार, म्हारा श्यामधणी...



थारी बोले जय जयकार, म्हारा श्यामधणी...
थारी बोले जय जयकार, म्हारा श्यामधणी...




!! जय जय मोरवीनंदन, जय जय बाबा श्याम !!
!! काम अधुरो पुरो करज्यो, सब भक्तां को श्याम !!
!! जय जय लखदातारी, जय जय श्याम बिहारी !!
!! जय कलयुग भवभय हारी, जय भक्तन हितकारी !!
 भाव के रचियता : "स्व: श्री ताराचंद जी शर्मा"

 श्री श्याम बाबा का यह अनुपम दरबार की छवि  श्री साईं दर्शन मंदिर, मलाड, मुंबई की है...

Sunday 23 January 2011

!! मेरे श्यामधणी का द्वारा, है सच्चा दरबार... !!



भक्तशिरोमणि, श्यामलीन श्री आलूसिंह जी महाराज सैदव यही कहा करते थे, कि "खाटूपति श्री श्यामधणी को  साँचो यो दरबार ह, जो कोई भी श्याम न भज ले वांको बेड़ो पार है..."



मेरे श्यामधणी का  द्वारा, है सच्चा दरबार...
मेरे श्यामधणी का  द्वारा, है सच्चा दरबार...
बाबा बाबा बोलिए, होगा बेड़ा पार...
बाबा बाबा बोलिए, होगा बेड़ा पार...



गम के बादल घिर जाये तो दर पे शीश झुका देना...
श्रद्धा सुमन चढ़ा के दर पे, अपनी अरजी सुना देना...
तेरी अरजी पर ओ बंदे, निश्चय ही होगा विचार...
बाबा बाबा बोलिए, होगा बेड़ा पार...
बाबा बाबा बोलिए, होगा बेड़ा पार...



इस दुनिया में डोल डोल के, कब तक युक्ति लगायेगा...
आखिर एक दिन लौट के तू तो, श्याम शरण में आएगा...
फिर क्यूँ  न अभी से ओ बंदे, तू बदल रहा व्यवहार... 
बाबा बाबा बोलिए, होगा बेड़ा पार...
बाबा बाबा बोलिए, होगा बेड़ा पार...



साँसों के तारों का नाता, जिसने श्याम से जोड़ लिया...
सुन लो भक्तो ये सच है, बाबा ने उसे मुंह माँगा दिया..
ये देव बड़ा दातरी, जाने सारा संसार...
बाबा बाबा बोलिए, होगा बेड़ा पार...
बाबा बाबा बोलिए, होगा बेड़ा पार...



मेरे श्यामधणी का  द्वारा, है सच्चा दरबार...
मेरे श्यामधणी का  द्वारा, है सच्चा दरबार...
बाबा बाबा बोलिए, होगा बेड़ा पार...
बाबा बाबा बोलिए, होगा बेड़ा पार...



!! जय जय मोरवीनंदन, जय जय बाबा श्याम !!
!! काम अधुरो पुरो करज्यो, सब भक्तां को श्याम !!
!! जय जय लखदातारी, जय जय श्याम बिहारी !!
!! जय कलयुग भवभय हारी, जय भक्तन हितकारी !!
भाव के रचियता : "अज्ञात"

Saturday 22 January 2011

!! कईयाँ बैठी बावली सी, श्याम धणी घरां आशी... !!



आइये आज हम सभी अपने इष्टदेव, कुलदेव श्री श्यामधणी खाटूवाले की अगवानी इन सुमधुर भावों से करे...


कईयाँ बैठी बावली सी, श्याम धणी घरां आशी...
श्याम धणी घरां आशी, श्याम धणी घरां आशी...
कईयाँ बैठी बावली सी, श्याम धणी घरां आशी...
 


चिठ्ठी एक भेजी थी, म्हें श्याम ने बुलाने की...
चिठ्ठी पाछी आई, श्री श्याम क आने की...
लीला चढ़ कर आशी, लीला चढ़ कर आशी...
कईयाँ बैठी बावली सी,श्याम धणी घरां आसी..
 


श्याम धणी घरां आवागो, आता ही नहावगो...
चन्दन को लेप लगावागो,केशर तिलक करावगो...
घुंघराला लहराशी, घुंघराला लहराशी...
कईयाँ बैठी बावली सी, श्याम धणी घरां आशी..
 


केसरियो बागो पहनगो, माथै मुकुट सजावगो...
कुंडल कानां म पहनगो, मोती की माला पहनगो...
बनडो सो सज जाशी, बनडो सो सज जाशी...
कईयाँ बैठी बावली सी,श्याम धणी घरां आशी...
 


गजरो फुलां को बनवाले, श्री श्याम न पहनावगां...
झूलो फुलां को बनवाले, श्री श्याम न झुलावगां...
इत्तर खूब लगाशी, इत्तर खूब लगाशी...
कईयाँ बैठी बावली सी,श्याम धणी घरां आसी..
 


हो जा तूं तैयार, श्री श्याम की अगवानी म...
छप्पन भोग बनवाले, घालैगां मिजवानी म...
दो मीठा पान खाशी, दो मीठा पान खाशी...
कईयाँ बैठी बावली सी,श्याम धणी घरां आशी...
 


लीला की खातीर, चणा. की दाल भिजाजे... 
घुंघरू की जोड़ी बाँध, लीला न नचाजे...
"टीकम" भजनां सूं रिझाशी, भजनां सूं रिझाशी...
कईयाँ बैठी बावली सी, श्याम धणी घरां आशी...




कईयाँ बैठी बावली सी, श्याम धणी घरां आशी...
श्याम धणी घरां आशी, श्याम धणी घरां आशी...
कईयाँ बैठी बावली सी, श्याम धणी घरां आशी...



!! जय जय मोरवीनंदन, जय जय बाबा श्याम !!
!! काम अधुरो पुरो करज्यो, सब भक्तां को श्याम !!
!! जय जय लखदातारी, जय जय श्याम बिहारी !!
!! जय कलयुग भवभय हारी, जय भक्तन हितकारी !!
भजन : "श्री महबीर जी"

श्री श्याम बाबा की यह अनुपम झांकी की छवि  कटिहार, बिहार में आयोजित  "श्री श्याम महोत्सव" की है...

Friday 21 January 2011

!! ज्योत जगाई थारी प्रेम सु जी बाबा... !!



श्री श्यामधणी की ज्योत की महिमा बहुत ही निराली है... सभी श्री श्याम भक्त अपने अपने इष्ट मित्रों के संग प्रत्येक मास की च्यानणी ग्यारस को खाटूवाले श्री श्यामधणी की ज्योत जगाकर बारस को धोक लगाते है... आज श्री श्याम धणी की पौष शुक्ल की एकादशी है, आज हमने भी बाबा श्याम की ज्योत प्रेम से जगाई है, एवं श्री श्याम बाबा से अरदास लगाई है, कि...


ज्योत जगाई थारी प्रेम सु जी बाबा...
ज्योत जगाई थारी प्रेम सु जी बाबा...
भगतां रै मन उछाव राज, बेगा पधारो जी...




कैं विध करां थारी बंदगी जी बाबा...
कैं विध करां थारी बंदगी जी बाबा...
कैं विध करां मनुहार राज, बेगा पधारो जी...




चौक पुरायो नयना नीर सै जी बाबा...
चौक पुरायो नयना नीर सै जी बाबा...
मन आसन बन आयो राज, बेगा पधारो जी...



खाटू म थारो देवरो जी बाबा...
खाटू म थारो देवरो जी बाबा...
लीले रा असवार राज, बेगा पधारो जी...



भजन भाव की भेंट है जी बाबा...
भजन भाव की भेंट है जी बाबा...
थारो दियोड़ो वरदान राज, बेगा पधारो जी...



रुत मिलण की साकड़ी जी बाबा...
रुत मिलण की साकड़ी जी बाबा...
'नंदू' ह विश्वास राज, बेगा पधारो जी...



ज्योत जगाई थारी प्रेम सु जी बाबा...
ज्योत जगाई थारी प्रेम सु जी बाबा...
भगतां रै मन उछाव राज, बेगा पधारो जी...


!! खाटू नरेश की जय !!
!! तीन बाणधारी की जय !!
 !! श्री श्याम बाबा की जय !!
!! लीले के असवार की जय !!
!! साँवरा मोटा धणी की जय !!
!! मोरवीनंदन श्यामबिहारी की जय !!
इस अतिसुन्दर भाव के रचियता "श्री नंदू जी" है... यह भाव राजस्थानी लोक गीत "लहैरीयो" के तर्ज़ पर आधारित है...

Saturday 15 January 2011

!! आओ मिलकर श्याम प्रभु की, जय जयकार लगाये... !!



आइये आज हम सभी श्याम प्रेमी मिलकर सरल एवं निश्छल हृदय से श्री श्याम प्रभु की जय जयकार लगाकर, बाबा श्याम के कृपा पात्र बने एवं उनको रिझाये...



जयकरा श्री श्याम का, बोलो सब नर- नार...
जयकारे की गुंज से, राजी लखदातार...


श्यामबाबा की जयकार, बोलो जी बोलो..
लीले वाले की जयकार, बोलो जी बोलो...
खाटू वाले की जयकार, बोलो जी बोलो...




आओ मिलकर श्याम प्रभु की, जय जयकार लगाये...
आओ मिलकर श्याम प्रभु की, जय जयकार लगाये...
पाप बसे जो मन में हमारे, उनको दूर भगाये...
जय जयकार लगाये, जय जयकार लगाये...



खाटू वाला श्याम हमारा, भोला भाला प्यारा...
भगतों के सुख दुःख का साथी, कुल का देव हमारा...
अपने भगतों की श्याम बाबा, पीड़ा सदा मिटाये...
जय जयकार लगाये, जय जयकार लगाये...



कलयुग में अवतार लिया, वरदान कृष्ण से पाया...
जिसका कोई नहीं जगत में, उसका साथ निभाया...
हारे का ही साथ सदा, ये बाबा मेरा निभाये...
जय जयकार लगाये, जय जयकार लगाये...



एक बार जो दर्शन कर ले, बार बार वो आता...
तेरे दर पे कमी नहीं वो, मन की मुरादे पाता...
ऐसे दीन दयाल को बोलो, कैसे कोई बिसराये...
जय जयकार लगाये, जय जयकार लगाये...



निज तन-मन न्योछावर कर दो, श्याम प्रभु पर प्यारे...
उनकी कृपा से हो जायेंगे, तेरे वारे न्यारे...
'श्याम सुन्दर' सब मिल करके, बाबा को आज मनाये...
जय जयकार लगाये, जय जयकार लगाये...



आओ मिलकर श्याम प्रभु की जय जयकार लगाये...
आओ मिलकर श्याम प्रभु की जय जयकार लगाये...
पाप बसे जो मन में हमारे, उनको दूर भगाये...
जय जयकार लगाये, जय जयकार लगाये...



!! लखदातर की जय !!
!! खाटू नरेश की जय !!
!! हारे के सहारे की जय !!
!! शीश के दानी की जय !!
!! तीन बाण धारी की जय !!
!! म्हारा श्यामधणी की जय !!
!! मोरवीनंदन बाबा श्याम की जय !!


!! जय जय मोरवीनंदन, जय जय बाबा श्याम !!
!! काम अधुरो पुरो करज्यो, सब भक्तां को श्याम !!
!! जय जय लखदातारी, जय जय श्याम बिहारी !!
!! जय कलयुग भवभय हारी, जय भक्तन हितकारी !!
भजन : "श्री श्याम सुन्दर जी"

Thursday 13 January 2011

!! सर पे मेरे हाथ हो, श्याम तुम्हारा,श्याम तुम्हारा... !!



हे खाटू वाले श्यामधणी, हम सभी की दिल की बस यही एक तमन्ना है, कि...


सर पे मेरे हाथ हो, श्याम तुम्हारा, श्याम तुम्हारा...
आऊँ दर पे निश दिन तेरे, पाऊँ दरश तुम्हारा...
सर पे मेरे हाथ हो, श्याम तुम्हारा, श्याम तुम्हारा...



तुमसे जीवन पाया, जीवन यूँ ही गंवाया...
नाम सांवरा तेरा, होठो पे नहीं आया...
विपदा ने जब डाला डेरा, तेरा नाम उचारा...
सर पे मेरे हाथ हो, श्याम तुम्हारा,श्याम तुम्हारा...



विपदा का तूं साथी, कहता है जग सारा...
तुमसे जीवन बी बाती, है जग में उजियारा...
ताल-समंदर रूप तुम्हारा, तुमसे चाँद सितारा...
सर पे मेरे हाथ हो, श्याम तुम्हारा,श्याम तुम्हारा...



घट-घट में है समाया, नज़र मुझे नहीं आया...
तेरी सारी माया, माया में भरमाया...
तोडके रिश्ता "टीकम" सारा, तुमको श्याम पुकारा...
सर पे मेरे हाथ हो,श्याम तुम्हारा,श्याम तुम्हारा...



सर पे मेरे हाथ हो, श्याम तुम्हारा, श्याम तुम्हारा...
आऊँ दर पे निश दिन तेरे, पाऊँ दरश तुम्हारा...
सर पे मेरे हाथ हो, श्याम तुम्हारा, श्याम तुम्हारा...




!! ॐ श्री श्याम देवाय नमः !!


!! जय जय मोरवीनंदन, जय जय बाबा श्याम !!
!! काम अधुरो पुरो करज्यो, सब भक्तां को श्याम !!
!! जय जय लखदातारी, जय जय श्याम बिहारी !!
!! जय कलयुग भवभय हारी, जय भक्तन हितकारी !!
                                                               भजन : "श्री महाबीर जी"

बाबा श्यामधणी खाटू वाले की यह अनुपम श्री विग्रह की छवि "श्री श्याम मंदिर, गोपाल नगर, नजफ़गढ़, दिल्ली " की है...

Tuesday 11 January 2011

!! कर दे कृपा कुछ ऐसी, ओ खाटू वाले श्याम... !!


!! ॐ श्री श्याम देवाय नमः !!


श्री श्यामधणी खाटूवाले, लीले के असवार, लखदातार की करुण कृपा प्राप्ति की आस लगाये इस दास की प्रिय प्रभु से यही एक करवद्ध अरदास है, कि


कर दे कृपा कुछ ऐसी, ओ खाटू वाले श्याम...
हर जनम गुण तेरे मैं गाता रहूँ...
आये आंधी तूफां चाहे लाख, ओ लखदातार...
उम्र भर तेरे चौखट पे आता रहूँ...




कर दे कृपा कुछ ऐसी, ओ खाटू वाले श्याम...
कर दे कृपा कुछ ऐसी...




धन दौलत ना माँगू, ना माँगू चांदी और सोना...
खिले तेरे मन मंदिर में, एक छोटा सा कोना...
रख ले शरण में अपनी, ओ जग के पालनहार...
शीश दरबार में मै झुकाता रहूँ...




कर दे कृपा कुछ ऐसी, ओ खाटू वाले श्याम...
कर दे कृपा कुछ ऐसी...




स्वामी और सेवक का जग में, है निर्मल नाता...
दीनों और दुखिया का हर पल, तू ही साथ निभाता...
पार लगा मेरी नैया, ओ भव के तारणहार...
तेरे चरणों की सेवा बजाता रहूँ...




कर दे कृपा कुछ ऐसी, ओ खाटू वाले श्याम...
कर दे कृपा कुछ ऐसी...




तुम ही मात-पिता हो और भ्रात-सखा मेरे...
जपता रहूँ बस नाम तेरा, मै तो साँझ सवेरे...
बिगड़ी बात बना दे, ओ लीले के असवार...
दीप खुशियों के हर दम जलाता रहूँ...




कर दे कृपा कुछ ऐसी, ओ खाटू वाले श्याम...
कर दे कृपा कुछ ऐसी...




सुख-दुःख और संकट में "अमन" ये, है सच्चा साथी...
"ॐ श्री श्याम देवाय" जपे से सब खुशियाँ आती...
इस कलयुग में सबका, बस श्याम नाम आधार...
क्यूँ ना इनकी लगन मैं लगाता रहूँ...




कर दे कृपा कुछ ऐसी, ओ खाटू वाले श्याम...
कर दे कृपा कुछ ऐसी...




कर दे कृपा कुछ ऐसी, ओ खाटू वाले श्याम...
हर जनम गुण तेरे मैं गाता रहूँ...
आये आंधी तूफां चाहे लाख, ओ लखदातार...
उम्र भर तेरे चौखट पे आता रहूँ...




कर दे कृपा कुछ ऐसी, ओ खाटू वाले श्याम...
कर दे कृपा कुछ ऐसी...
कर दे कृपा कुछ ऐसी...
कर दे कृपा कुछ ऐसी...




!! ॐ श्री श्याम देवाय नमः !!



!! जय जय मोरवीनंदन, जय जय बाबा श्याम !!
!! काम अधुरो पुरो करज्यो, सब भक्तां को श्याम !!
!! जय जय लखदातारी, जय जय श्याम बिहारी !!
!! जय कलयुग भवभय हारी, जय भक्तन हितकारी !!

भजन : "श्री अमन जी"

Monday 10 January 2011

!! करने वाला तू ही है, बस नाम मेरा हो जाता है...!!



हमें अपने इष्ट, अपने प्रभु के प्रति सैदव कृतज्ञता के भाव रखना चाहिये... क्योकि एक मात्र उनकी करुण कृपा के बिना एक पत्ता भी हिल जाये यह संभव नहीं... आज हम जो भी है, जैसे भी है अपने इष्ट अपने प्रभु की कृपा मात्र से ही है... आइये हम सभी श्री श्याम प्रभु के श्री चरणों में कृतज्ञता के भाव अर्पित करे...




तेरी कृपा से श्याम प्रभु, हर काम मेरा हो जाता है...
तेरी कृपा से श्याम प्रभु, हर काम मेरा हो जाता है...
करने वाला तू ही है, बस नाम मेरा हो जाता है...
करने वाला तू ही है, बस नाम मेरा हो जाता है...



क्या क्या काम किये है तुमने, मैं कैसे गुणगान करू...
मेरी तो औकात ही क्या है, कैसे तेरा बखान करू...
मेरे नाम की हो जो चर्चा, तू ही तो करवाता है...
करने वाला तू ही है, बस नाम मेरा हो जाता है...




गलती पर गलती मैं करता, फिर भी तुमने माफ किया...
सबने मुझको छोड़ दिया तब, तुमने ही प्रभु साथ दिया...
भटक जाये जो राह से अपनी, मंजील उसे दिखाता है...
करने वाला तू ही है, बस नाम मेरा हो जाता है...




नाम तेरा सुनकर ये सोचा, तेरे दर पे आऊंगा...
क्या मालुम था स्वर्ग सी मस्ती, आकर के यहाँ पाऊंगा...
मस्ती में दीवाना मन ये, झूम झूम कर गाता है...
करने वाला तू ही है, बस नाम मेरा हो जाता है...




डूब न जाये नैया मेरी, इसीलिए अरदास करू...
तेरे भरोसे मेरी गाड़ी, फिर मैं क्यूँ आह भरू...
जनम जनम तक साथ रहे, बस अब 'महेश' ये चाहता है...
करने वाला तू ही है, बस नाम मेरा हो जाता है...




तेरी कृपा से श्याम प्रभु, हर काम मेरा हो जाता है...
तेरी कृपा से श्याम प्रभु, हर काम मेरा हो जाता है...
करने वाला तू ही है, बस नाम मेरा हो जाता है...
करने वाला तू ही है, बस नाम मेरा हो जाता है...




!! जय जय मोरवीनंदन, जय जय बाबा श्याम !!
!! काम अधुरो पुरो करज्यो, सब भक्तां को श्याम !!
!! जय जय लखदातारी, जय जय श्याम बिहारी !!
!! जय कलयुग भवभय हारी, जय भक्तन हितकारी !!

भजन : "श्री महेश जी"

श्री श्याम प्रभु खाटू वाले की यह अनुपम श्री विग्रह के दर्शन "सूरज भवन, हैदराबाद" के है...

छवि सौजन्य से : "श्री अंकित सोंथालिया जी"

Saturday 8 January 2011

!! कब स थारी बाट उडिकां, मत तरसावो साँवरा... !!



बोलो श्री श्यामधणी खाटू वाले की जय... अपने प्रिय प्रभु एवं इष्टदेव के श्री दर्शन की प्रबल आस में बैठा एक प्रभु प्रेमी, अपने प्रिय प्रभु की छवि को हृदय पुंज में धारण कर व्याकुल हृदय से इस प्रकार अपनी प्रेम पूरित भावना की अभिव्यक्ति साँवरा श्यामधणी से करता है...


हिवड़े म बस जावो म्हारा साँवरा...
हिवड़े म बस जावो म्हारा साँवरा...
कब स थारी बाट उडिकां, मत तरसावो साँवरा...
कब स थारी बाट उडिकां, मत तरसावो साँवरा...



थारी यादां घणी सतावै, दिन को चैन चुरावे ह...
सुध बुध सारी भूल गया म्हे, रात्युं नींद न आवे ह...
ज्यादा ना तड़पावो म्हारा साँवरा...
कब स थारी बाट उडिकां, मत तरसावो साँवरा...



तड़प रही ह, तरस रही ह, आंख्यां नीर बहावे ह...
डाटया कोणी डटे साँवरा, आंसुड़ा ढलकावे ह...
आकर धीर बंधावो म्हारा साँवरा...
कब स थारी बाट उडिकां, मत तरसावो साँवरा...



कालजियो मुण्डे पे आग्यो, कण्ठ सुखण लाग्या ह...
"रवि' कहवे आँख्या रा कोया, पथरावण सा लाग्या ह...
अब तो दरश दिखावो म्हारा साँवरा...
कब स थारी बाट उडिकां, मत तरसावो साँवरा...



हिवड़े म बस जावो म्हारा साँवरा...
हिवड़े म बस जावो म्हारा साँवरा...
कब स थारी बाट उडिकां, मत तरसावो साँवरा...
कब स थारी बाट उडिकां, मत तरसावो साँवरा...



!! जय जय मोरवीनंदन, जय जय बाबा श्याम !!
!! काम अधुरो पुरो करज्यो, सब भक्तां को श्याम !!
!! जय जय लखदातारी, जय जय श्याम बिहारी !!
!! जय कलयुग भवभय हारी, जय भक्तन हितकारी !!
भजन : "श्री रविन्द्र केजरीवाल, 'रवि'"

यह छवि श्री श्याम बाबा की शोभा यात्रा की है....

Thursday 6 January 2011

!! थारी बाबा ओल्युं आवे, बेगा आओ जी सांवरा... !!



"ओल्युं" राजस्थानी भाषा का बहुत ही मीठा शब्द है, जिसका शाब्दिक अर्थ है "याद आना"...  खाटूवाले श्री श्यामधणी के भक्तों को भी अपने अंतर्मन में  नित निरंतर अपने प्रभु की याद बनी रहती है, एवं वे भक्तजन मिजाजी साँवरिया श्री श्याम धणी के श्री चरणों में अपने अंतर्मन के भावों को इस प्रकार भाव विव्हल होकर अभिव्यक्त करते है... 


ओ जी ओ मिजा जी म्हारा साँवरिया...
ओ जी ओ मिजा जी म्हारा साँवरिया...
थारी बाबा ओल्युं आवे, बेगा आओ जी सांवरा ...
थारी बाबा ओल्युं आवे, बेगा आओ जी सांवरा...



थाणे तो मनावां घणा चाव सु...
थाणे तो मनावां घणा चाव सु...
थे हँस हँस कंठ लगाओ, ना तरसाओ जी सांवरा...
थे हँस हँस कंठ लगाओ, ना तरसाओ जी सांवरा...
थारी बाबा ओल्युं आवे, बेगा आओ जी सांवरा...



ई दुनिया से न्यारो थारो देवरों...
ई दुनिया से न्यारो थारो देवरों...
थे रत्न सिंहासन बैठ्या, हुकुम चलाओ जी सांवरा...
थे रत्न सिंहासन बैठ्या, हुकुम चलाओ जी सांवरा...
थारी बाबा ओल्युं आवे, बेगा आओ जी सांवरा...



नयना माहि छलके थारो नेहरलो...
नयना माहि छलके थारो नेहरलो...
थारा टाबरिया रा अटक्या, काज बनाओ जी सांवरा...
थारा टाबरिया रा अटक्या, काज बनाओ जी सांवरा...
थारी बाबा ओल्युं आवे, बेगा आओ जी सांवरा...



भूल्या थारे टाबरिया ने नाहि सरे...
भूल्या थारे टाबरिया ने नाहि सरे...
थारी जादुगारी  मोरछड़ी म्हापे घुमादयो जी सांवरा...
थारी जादुगारी  मोरछड़ी म्हापे घुमादयो जी सांवरा...
थारी बाबा ओल्युं आवे, बेगा आओ जी सांवरा...



भुल्योरा रा भक्तां ना थारो आसरो....
भुल्योरा रा भक्तां ना थारो आसरो....
म्हारी नैया नाथ पुराणी पार लगाओ जी सांवरा...
म्हारी नैया नाथ पुराणी पार लगाओ जी सांवरा...
थारी बाबा ओल्युं आवे, बेगा आओ जी सांवरा...



जागरणों ग्यारस की च्याणन रात को...
जागरणों ग्यारस की च्याणन रात को...
कोई बारस न थे खीर चुरमो खाओ जी सांवरा...
कोई बारस न थे खीर चुरमो खाओ जी सांवरा...
थारी बाबा ओल्युं आवे, बेगा आओ जी सांवरा...



जिमा पाछे थारा हाथ धुवास्याँ...
जिमा पाछे थारा हाथ धुवास्याँ...
ल्यो दो बीड़ा थे मगही पान, चबाओ जी सांवरा...
ल्यो दो बीड़ा थे मगही पान, चबाओ जी सांवरा...
थारी बाबा ओल्युं आवे, बेगा आओ जी सांवरा...



'शर्मा कांशीराम' जी थारो बालकियो...
'शर्मा कांशीराम' जी थारो बालकियो...
थारा कहया कहया हुकुम उठावां, ज्यु फरमाओ जी सांवरा...
थारा कहया कहया हुकुम उठावां, ज्यु फरमाओ जी सांवरा...



ओ जी ओ मिजा जी म्हारा साँवरिया...
ओ जी ओ मिजा जी म्हारा साँवरिया...
थारी बाबा ओल्युं आवे, बेगा आओ जी सांवरा ...
थारी बाबा ओल्युं आवे, बेगा आओ जी सांवरा...



!! जय जय मोरवीनंदन, जय जय बाबा श्याम !!
!! काम अधुरो पुरो करज्यो, सब भक्तां को श्याम !!
!! जय जय लखदातारी, जय जय श्याम बिहारी !!
!! जय कलयुग भवभय हारी, जय भक्तन हितकारी !!
श्री श्याम बाबा को अर्पित यह अतिसुन्दर भाव मुझे बहुत ही पसंद है, जिसे कि मैं बचपन में अपनी दादीजी के मुख से अक्सर सुना करता था.. इस सुमधुर एवं ममस्पर्शी भाव को 'श्याम जी की ओल्युं' भी कहते है, इसके  रचियता "परम श्याम भक्त  श्री कांशीराम जी शर्मा" है... 

Wednesday 5 January 2011

!! म्हे तो साँवरिया रो रंग चढ़ावा... !!



इस संसार में मनुष्य को यदि अपने शरीर एवं आत्मा को रंगना हो तो उसे अपने इष्ट देव एवं प्रिय प्रभु के प्रेम के रंग में रंगना चाहिए एवं अपने मनदर्पण रूपी थाल में प्रेम एवं श्रद्धा रूपी फूलो को एवं भोली भाली भावना से पूरित हृदयपुंज को सजाकर प्रभु के श्री चरणों में अर्पित करना चाहिये..... अपने आप को प्रभु के प्रेम रंग में पूरी तरह से रंगने एवं पूर्ण समर्पण से ही यह मनुष्य जीवन सफल होता है... आइये हम सब भी अपने इष्टदेव, कुलदेव श्री श्याम प्रभु, साँवरिया सरकार, तीन बाण धारी, लखदातारी श्यामधणी खाटूवाले के प्रेम रंग में स्वयं को रंगते हुई इस मधुर भाव को उनके श्री चरणों में अर्पण करते है...


म्हे तो साँवरिया रो रंग चढ़ावा एय माय...
म्हे तो साँवरिया रो रंग चढ़ावा एय माय...
खाटू वाला श्याम का गुण गावां...
ओ गावां, खाटू वाला श्याम का गुण गावां...



मन दर्पण को थाल सजाकर, आया म्हे थां के द्वार...
ओ बाबा, आया म्हे थां के द्वार...
प्रेम बगीचा की कलियाँ सुं करयो थारो श्रृंगार...
ओ श्याम जी करयो थारो श्रृंगार...



ओ भोली भावना रो भोग लगावां एय माय...
ओ भोली भावना रो भोग लगावां एय माय...
खाटू वाला श्याम का गुण गावां...
ओ गावां, खाटू वाला श्याम का गुण गावां...



म्हे तो साँवरिया रो रंग चढ़ावा एय माय...
म्हे तो साँवरिया रो रंग चढ़ावा एय माय...
खाटू वाला श्याम का गुण गावां...
ओ गावां, खाटू वाला श्याम का गुण गावां...



रंगीलो दरबार श्याम को, श्याम छटा लहरावे...
ओ बाबा, श्याम छटा लहरावे...
जादुगारी आंखरल्या सु, अमृत रस बरसावे...
ओ श्याम जी, अमृत रस बरसावे...



ओ म्हे तो वारि वारि बलिहारी, जावां एय माय...
ओ म्हे तो वारि वारि बलिहारी, जावां एय माय...
खाटू वाला श्याम का गुण गावां...
ओ गावां, खाटू वाला श्याम का गुण गावां...



मोहिनी मूरत बसी हृदय में, पल पल वारि जाऊं...
श्याम जी, पल पल वारि जाऊं...
मगन हुयो मद मस्त 'गोपालो', थां का भजन सुनाऊ...
ओ प्रभु जी, थां का भजन सुनाऊ...



ओ बाबा थां की दया न पावां, एय माय...
ओ बाबा थां की दया न पावां, एय माय...
खाटू वाला श्याम का गुण गावां...
ओ गावां, खाटू वाला श्याम का गुण गावां...



म्हे तो साँवरिया रो रंग चढ़ावा एय माय...
म्हे तो साँवरिया रो रंग चढ़ावा एय माय...
खाटू वाला श्याम का गुण गावां...
ओ गावां, खाटू वाला श्याम का गुण गावां...



!! जय जय मोरवीनंदन, जय जय बाबा श्याम !!
!! काम अधुरो पुरो करज्यो, सब भक्तां को श्याम !!
!! जय जय लखदातारी, जय जय श्याम बिहारी !!
!! जय कलयुग भवभय हारी, जय भक्तन हितकारी !!

भजन : "श्री श्रीगोपाल जी"

यह सुन्दर भाव राजस्थान के सुप्रसिद्ध लोक गीत 'घुमर' के तर्ज़ पर आधारित है...

Sunday 2 January 2011

!! आज सांवरिया ने देखो काईं बात जी... !!



आहा!! आज तो म्हारा खाटू हाला सांवरिया श्याम सरकार रो श्रृंगार कितना आलौकिक रूप सुं चमक दमक रहयो ह... आज म्हारा सांवरिया श्यामधणी ने देखो तो सही काईं बात ह...

 



रूप चंदा जईया चमके, तेज़ सूरज जईया दमके...
आज सांवरिया ने देखो काईं बात जी...




मुखड़ो भोर सुहानी लागे, नयना दोपहरी सा जागे...
केश जईया, मस्तानी आई रात जी...
आज सांवरिया ने देखो काईं बात जी...




चुन-चुन फुलरा हार बनायो, बागा प गोटा किनारी...
भांति भांति का इत्र लगाया, महके दुनिया सारी...
ओ स्वर्ण मुकुट धारयो माथा पे...
ठोडी पर जो हीरो चमके, झलक रहयो है जमके...



रूप चंदा जईया चमके, तेज़ सूरज जईया दमके...
आज सांवरिया ने देखो काईं बात जी...



तीन बाण तरकश में राख्या, लीला की असवारी...
मोर छड़ी हाथां पे सोहवे, ज्या की महिमा न्यारी...
ओ कुण्डल सोहे है थारा कानां पे...
मस्तक पे मलयागिरि चंदन, पग पग घुंघरू चमके...



रूप चंदा जईया चमके, तेज़ सूरज जईया दमके...
आज सांवरिया ने देखो काईं बात जी...



बुरी नज़र न लागे कोई, राई नून तो उवारो...
सज धज बैठ्यो बनरो सो यो, सबने लागे प्यारो...
ओ मंद हँसी म्हारो मन मोहे...
हाथ राख 'पन्ना' के सिर पे, चरणा में रह रमके...



रूप चंदा जईया चमके, तेज़ सूरज जईया दमके...
आज सांवरिया ने देखो काईं बात जी...
आज सांवरिया ने देखो काईं बात जी...



!! जय जय मोरवीनंदन, जय जय बाबा श्याम !!
!! काम अधुरो पुरो करज्यो, सब भक्तां को श्याम !!
!! जय जय लखदातारी, जय जय श्याम बिहारी !!
!! जय कलयुग भवभय हारी, जय भक्तन हितकारी !!

भजन - "श्री पन्नालाल जी"

Saturday 1 January 2011

!! फरियादी फ़रियाद सुनाओ, लगी अदालत श्याम की... !!



सभी श्याम प्रेमियों को यह अटूट विश्वास है, कि खाटूधाम में प्रेम और भक्ति की अदालत लगा कर बैठ्या बाबा श्याम अपने फरियादी निज भक्तों पर असीम कृपा करते हुए, उनके प्रत्येक कर्म का साँचा-साँचा न्याय चुकाते है... आइये हम सभी, फरियादी बन बाबा श्याम से प्रेमपूरित हृदय से अरजी लगाते है...

 



फरियादी फ़रियाद सुनाओ, लगी अदालत श्याम की...
आकर अपना शीश झुकाओ, करो इबादत श्याम की...
फरियादी फ़रियाद सुनाओ, लगी अदालत श्याम की...



है यह अदालत बड़ी निराली, अरजी दिल की लगती है...
नहीं वकालत नहीं सिफारिश, मरजी श्याम की चलती है...
दिल की अरजी तुम भी दे दो, ले इजाजत श्याम की...
आकर अपना शीश झुकाओ, करो इबादत श्याम की...



दीन दुखी का मेरा बाबा, सबसे पहले सुनता है...
देर यहाँ अंधेर नहीं, अरजी सबकी सुनता है...
फैसला जो भी हो समझो, यही इनायत श्याम की...
आकर अपना शीश झुकाओ, करो इबादत श्याम की...



महर जो इनकी हो जाये, किस्मत तेरी बन जाये...
गरूर जिनको हो जाये, बदकिस्मती के दिन आये...
पास तेरे है जो भी समझो, है अमानत श्याम की...
आकर अपना शीश झुकाओ, करो इबादत श्याम की...



जग का मालिक है यह राजा, दानी मेरा सरकार है...
दर पे इनके जो भी आता, करता नहीं इंकार है...
'टीकम' अपनी लाज बचाले, दे ज़मानत श्याम की...
आकर अपना शीश झुकाओ, करो इबादत श्याम की...



फरियादी फ़रियाद सुनाओ, लगी अदालत श्याम की...
आकर अपना शीश झुकाओ, करो इबादत श्याम की...
फरियादी फ़रियाद सुनाओ, लगी अदालत श्याम की...
आकर अपना शीश झुकाओ, करो इबादत श्याम की...



!! जय जय मोरवीनंदन, जय जय बाबा श्याम !!
!! काम अधुरो पुरो करज्यो, सब भक्तां को श्याम !!
!! जय जय शीश के दानी, जय जय खाटू धाम !!
!! म्हे आया शरण तिहारी, शरण म अपणे लेलो श्याम !!

भजन : "श्री महाबीर जी"

माता मोरवी के लाल, लखदातार, खाटू नरेश श्री श्यामधणी की यह अनुपम छवि श्री जनकपुर धाम, नेपाल की है...
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